Maharashtra Politics: भाजपा व शिवसेना शिंदे गुट गठबंधन कुछ सीटों पर अलग व अन्य पर साथ में लड़ेगा चुनावः फडणवीस
Maharashtra Politics महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना गुट गठबंधन आगामी नगर निगम चुनाव में गुट कुछ सीटों पर अलग-अलग और कुछ पर साथ में चुनाव लड़ेगा।

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shivsena) गुट गठबंधन आगामी नगर निगम चुनाव में गुट कुछ सीटों पर अलग-अलग और कुछ पर साथ में चुनाव लड़ेगा।
बीएमसी सहित राज्य के विभिन्न नगर निकायों में होंगे चुनाव
प्रेट्र के मुताबिक, सीएम एकनाथ शिंदे ने अगस्त में कहा था कि शिवसेना और भाजपा महाराष्ट्र में नगर निकायों के लिए आगामी चुनाव एक साथ लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया था कि उनके नेतृत्व में शिवसेना का प्रतिनिधित्व करता है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) सहित राज्य के विभिन्न नगर निकायों में चुनाव होने हैं। शिंदे-भाजपा गठबंधन इस साल 30 जून को महाराष्ट्र में सत्ता में आया था। जब शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी।
देवेंद्र फडणवीस ने कही ये बात
बुधवार को नागपुर (Nagpur) में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिदे के नेतृत्व में भाजपा और शिवसेना गुट कुछ निकाय चुनाव अलग-अलग लड़ेंगे, जबकि अन्य निकाय चुनावों में गठबंधन होगा। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा निकाय चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। फडणवीस ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पहले घोषित कार्यक्रम को अदालत में चुनौती दी गई है, इसलिए हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा, जो महाराष्ट्र में निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त करेगा।सुप्रीम कोर्ट ने पहले महाराष्ट्र सरकार के चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कोटा लागू करने के प्रयास को खारिज कर दिया था।
महाराष्ट्र सरकार के फैसले को दी गई चुनौती
इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी में सीटों की संख्या को कम करने वाले महाराष्ट्र अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद निकाय चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हुआ। याचिका में सीटों की संख्या 236 से घटाकर 227 करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
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