Maharashtra Politics: क्या NDA में सीट बंटवारे में फंस गया पेच? अजित पवार से मिले शाह; बोले- भाजपा करेगी न्याय
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शनिवार को मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हुई है। बता दें कि इसी साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन चुनावी की तैयारी में जुट गया है। किसानों के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई।
मुंबई, आइएएनएस। महाराष्ट्र विधान परिषद के शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनाव में अपने दो उम्मीदवारों की जीत से उत्साहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन यानी महायुति के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) से मुकाबले के लिए गठबंधन को और मजबूत करने और किसानों की फसल ऋण माफी सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
मजबूती से चुनाव लड़ेगा महायुति
शाह के साथ पवार की बैठक की पुष्टि करते हुए राकांपा के सूत्रों ने रविवार को कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट और राकांपा-अजीत पवार गुट का गठबंधन) महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव पूरी ताकत और शक्ति के साथ लड़ेगा और उसका एकमात्र उद्देश्य सत्ता बरकरार रखना होगा। शाह ने दोहराया है कि महायुति बरकरार रहेगा।
सहयोगियों के साथ न्याय करेगी भाजपा
गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा सीट बंटवारे में शिवसेना और राकांपा सहित सहयोगियों के साथ न्याय करेगी और जीत की संभावना को प्रमुख मानदंड बनाएगी। सूत्रों ने कहा कि राज्य में विधान परिषद चुनाव में नौ सीटों पर महायुति की जीत ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है। खासतौर पर लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद।
क्यों महत्वपूर्ण है ये मुलाकात?
अजीत पवार की शाह से मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दो सप्ताह पहले ही शाह के साथ ऐसी ही बैठक की थी। माना जा रहा है कि शिंदे ने भाजपा को बताया है कि शिवसेना विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। शिंदे का ये प्रस्ताव ऐसे मौके पर आया है जबकि भाजपा कैडर कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है।
महायुति में सीटों पर फंसा पेंच
अजीत पवार की शाह के साथ बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राकांपा बार-बार भाजपा को याद दिला रही है कि जुलाई 2022 में महायुति में शामिल होने पर उसे 90 विधानसभा सीटें देने का वादा किया गया था। अब अगर भाजपा 150 सीटों पर और शिंदे 100 सीटों पर दावा कर रहे है तो राकांपा के पास 38 सीटें ही रह जाएंगी जोकि उसके लिए अस्वीकार्य होगा।