MP में अच्छी बारिश के लिए महारुद्राभिषेक अनुष्ठान का किया गया आयोजन, CM शिवराज ने की महाकाल की विशेष पूजा
Special Worship of Mahakaal मध्य प्रदेश में खंड वृष्टि के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है। सोमवार सुबह पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में मुख्यमंत्री भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने महाकाल की महापूजा कर भगवान से उत्तम वृष्टि की प्रार्थना कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया।

उज्जैन, ऑनलाइन डेस्क। Ujjain News: मध्य प्रदेश में इसबार बहुत कम बारिश हुई है। कम बारिश होने के कारण अब महाकाल को मनाने की तैयारी की जा रही है। राज्य में अच्छी बारिश का क्रम फिर से शुरू हो इसके लिए ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भादौ मास के पहले सोमवार को महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने महाकाल की महापूजा कर भगवान से अच्छी बारिश की प्रार्थना कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया।
आज महाकाल महाराज की शरण में आया हूं। बाबा महाकाल से यही प्रार्थना है कि अल्प वर्षा के कारण प्रदेश के किसानों व फसलों पर जो संकट आया है, इससे हमें निकालें और कृपा की वर्षा करें।
मैं जनता जर्नादन से भी अपील करता हूं कि आप भी भगवान से अच्छी वर्षा के लिए प्रार्थना करें। आप सभी… pic.twitter.com/AwFuOww7KX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 4, 2023
पहली बार भादौ मास में महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान
मध्य प्रदेश में कम बारिश के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है। सोमवार सुबह पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में मुख्यमंत्री शिवराज भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया।
इसके बाद सतत जलधारा प्रवाहित की जाएगी। 66 ब्राह्मण नंदी हॉल में बैठकर महारुद्राभिषेक के 102 आवर्तन करेंगे। अनुष्ठान अभिषेकात्मक किया जाएगा। बाद में अनुष्ठान की पूर्णाहुति की जाएगी।
अच्छी बारिश के लिए मनाया जा रहा है महाकाल को
जानकारों के अनुसार बारिश न होने की स्थिति में सृष्टि की अनुकूलता व बारिश का चक्र पुन: प्रारंभ करने की प्रार्थना के लिए भगवान महाकाल का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ है। निश्चित ही इससे देव कृपा होगी और सूखे की स्थिति समाप्त होगी।
राज्य में सामान्य से कम हुई बारिश
मंदिर के पंडितों ने बताया कि इस बार राज्य में सामान्य से तेरह फीसद बारिश कम हुई है। इसलिए देवाधिदेव महादेव महाकाल को मनाना नितांत आवश्यक है। पहली बार भादौ मास में यह अनुष्ठान हो रहा है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार वर्षा ऋतु में एक दिन शेष रहने पर भी इस प्रकार का अनुष्ठान किया जा सकता है। इस बार तो अभी वर्षा ऋतु के अट्ठाइस दिन शेष है। निश्चित ही महाकाल महाराज अपनी प्रजा की प्रार्थना सुनकर कल्याण करेंगे।

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