Mhow News: सेना के ट्रेनी ऑफिसर के साथ की लूट... महिला मित्र के साथ दुष्कर्म करने वालों आरोपियों को उम्रकैद की सजा
महू के जामगेट क्षेत्र में सेना के ट्रेनी अफसरों के साथ लूट मारपीट और उनकी महिला मित्र के साथ दुष्कर्म करने वाले पांचों दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चर्चित और जघन्य अपराध के चलते न्यायालय ने इसका फैसला पांच माह 12 दिन में सुनाया। 10-11 सितंबर 2024 की दरमियानी रात दो-तीन बजे ये घटना हुई थी।
जेएनएन, महू। जामगेट क्षेत्र में सेना के ट्रेनी अफसरों के साथ लूट, मारपीट और उनकी महिला मित्र के सामूहिक दुष्कर्म के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं, एक नाबालिग आरोपित का प्रकरण बाल न्यायालय में चल रहा है। चर्चित और जघन्य अपराध के चलते न्यायालय ने इसका फैसला पांच माह 12 दिन में सुनाया। साथ ही पीड़िता को 50 हजार रुपये प्रतिकर देने के भी आदेश दिए हैं।
दरअसल, 10-11 सितंबर 2024 की दरमियानी रात करीब दो से तीन बजे के बीच महू इन्फेंट्री स्कूल के ट्रेनी अफसर प्रणीत, कौशल सिंह पाल महिला मित्र और एक युवती के साथ जाम गेट के पहले सेना की फायरिंग रेंज में घूमने गए थे।
तभी वहां पर छह बदमाश 27 वर्षीय अनिल बारोर, 23 वर्षीय पवन बंसूनिया निवासी खुर्दा-खुर्दी, 25 वर्षीय रितेश भाभर निवासी बिलामी, 23 वर्षीय रोहित गिरवाल निवासी नंदगांव, 25 वर्षीय सचिन मकवाना निवासी चैनपुर और एक नाबालिग पहुंच गए।
आरोपियों ने किया था हमला
आरोपियों ने उनपर हमला कर दिया और लाठी-डंडे से मारपीट की। उनसे करीब आठ हजार रुपये, पर्स और मोबाइल छीन लिए। इसके बाद पिस्टल अड़ाकर 10 लाख रुपये की मांग की। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। 10 लाख रुपये लेने के लिए प्रणीत और महिला को भेजा, जबकि पीड़िता और कौशल सिंह वहीं पर थे।
आरोपी रितेश और अनिल पीड़िता को पास की पहाड़ी पर लेकर गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। बाकी चार आरोपितों ने कौशल सिंह को पकड़ रखा था और उसके साथ मारपीट कर रहे थे।
दोषियों को आजीवन कारावास की सजा
सूचना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। इस मामले में 24 मार्च को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रविशंकर दोहरे ने निर्णय सुनाया। न्यायालय ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
साथ ही पीड़िता को 50 हजार रुपये प्रतिकर और आहतों को 10-10 हजार रुपये प्रतिकर के भी आदेश दिए हैं। प्रकरण की विवेचना बड़गोंदा थाना प्रभारी निरीक्षक लोकेंद्र सिंह हिहोर ने की। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक संध्या उइके ने की।
ये भी जानें -
- 10-11 सितंबर 2024 की दरमियानी रात दो-तीन बजे हुई थी घटना।
- पुलिस ने आरोपित अनिल और पवन को 11 सितंबर को गिरफ्तार किया।
- आरोपी रितेश भाभर को 12 सितंबर को पकड़ा।
- रोहित और सचिन को 12 सितंबर को पकड़ा। पुलिस ने पिस्टल भी जब्त की थी।
- बड़गोंदा थाना पुलिस ने एक माह में अपनी विवेचना पूर्ण कर अंतिम प्रतिवेदन 12 अक्टूबर न्यायालय में प्रस्तुत किया।
- 26 अक्टूबर 2024 से अभियोजन ने न्यायालय में साक्ष्य शुरू किए।
- 20 मार्च 2025 को बचाव साक्षियों के कथन हुए।
- 21 मार्च को अभियोजन व बचाव पक्षों ने अंतिम तर्क किया।
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