MP News: सातवें वेतनमान के हिसाब से मिलेगा सरकारी डॉक्टरों को एनपीए, कैबिनेट में जल्द लाया जाएगा प्रस्ताव
मध्य प्रदेश सरकार डॉक्टरों के हितों का ध्यान रखते हुए बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में क्लीनिकल प्रैक्टिस नहीं करने वाले डाक्टरों को नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस (एनपीए) सातवें वेतनमान के साहब से दिया जाएगा। इस संबंध में जल्द की कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसका लाभ श्रम सहित दूसरे विभाग के डाक्टरों को भी मिलेगा।
जेएनएन, भोपाल। मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार उनके हित में बड़ा निर्णय लेने जा रही है। क्लीनिकल प्रैक्टिस नहीं करने वाले डॉक्टरों को नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस (एनपीए) सातवें वेतनमान के साहब से दिया जाएगा।
दूसरी बात यह कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरह दूसरे विभाग के डॉक्टरों को भी एनपीए का लाभ मिलेगा। इसमें श्रम विभाग के अंतर्गत आने वाले ईएसआई और गृह विभाग के अधीन मेडिको लीगल विभाग के डॉक्टर शामिल होंगे। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
चिकित्सक महासंघ ने किया था आंदोलन
बता दें कि चिकित्सक महासंघ ने इसी वर्ष 21 और 22 फरवरी को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था, जिसमें प्रमुख मांग एनपीए को लेकर थी। सरकार ने सभी डॉक्टरों को एनपीए देने सहित अन्य वादे पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब मांग पूरा करने के लिए प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कुछ मांगों के संबंध में विभाग के प्रमुख सचिव ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
किसको मिलता है एनपीए?
चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अभी एनपीए छठवें वेतनमान के हिसाब से दिया जा रहा है। जो मूल वेतन का 20 प्रतिशत होता है। एनपीए में नियमानुसार डीए नहीं जोड़ा जा रहा है।
चिकित्सक महासंघ कई वर्ष से यह मांग कर रहा है। मेडिकल कॉलेजों में तीन हजार चिकित्सा शिक्षक हैं, इनमें जो प्रैक्टिस नहीं करते उन्हें एनपीए दिया जाता है। सीएमएचओ, सिविल सर्जन व अन्य प्रशासनिक अधिकारी जो प्रैक्टिस नहीं करते वह एनपीए ले सकते हैं।
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