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    अमित शाह पहुंचे रीवा, किसानों को दिया प्राकृतिक खेती अपनाने का मंत्र, बोले- पीपल के पेड़ लगाओ

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 05:45 PM (IST)

    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रीवा में बसामन मामा गो-अभयारण्य का शुभारंभ किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने किसानों को प्राकृ ...और पढ़ें

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    रीवा में कृषक सम्मेलन को संबोधित करते अमित शाह।

    डिजिटल डेस्क, जबलपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार दोपहर को रीवा पहुंचे। यहां उन्होंने सिमरिया तहसील के बसामन मामा गो-अभयारण्य का शुभारंभ किया। साथ ही प्राकृतिक खेती के मॉडल और गोशाला में किए गए नवाचारों का अवलोकन किया। गृहमंत्री यहां कृषक व सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए।

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    सम्मेलन में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि आज हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। मैं उन्हें नमन करता हूं। मुझे पता चला कि जब वह प्रधानमंत्री थे, तब रीवा के रहने बजे वाले विजय बहादुर सिंह उनके वहां के चालक हुआ करते थे और वह उनसे बघेली में बात करते थे। अटल जी का रीवा से विशेष लगाव रहा है।

    शाह बोले कि मैं आज बसावन मामा गोवंश प्रोजेक्ट को देख कर आया। यह एक बहुत ही अच्छा प्रयोग है, जो अनेक किसानों और गोपालकों को आगे बढ़ने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है। यहां गौशाला भी है और गाय के गोबर से निर्मित प्राकृतिक खेती की पूरी श्रृंखला भी विकसित की गई है।

    प्राकृतिक खेती एक ऐसा पारंपरिक प्रयोग है, जिसे हम समय के साथ भूलते चले गए। एक ही देशी गाय से 21 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती की जा सकती है। किसान की मेहनत से जो अनाज उत्पन्न होता है, वही पूरी दुनिया का पेट भरता है।

    केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि आज अनेक प्रकार की बीमारियों की जड़ रासायनिक उर्वरक हैं। प्राकृतिक खेती एक ऐसा प्रयोग है, जो न केवल किसान की आय को कम नहीं होने देता, बल्कि उसकी उपज को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण बनाता है। इससे आय बढ़ती है, पानी की बचत होती है और लोगों को अनेक बीमारियों से मुक्ति मिलती है

    एक एकड़ भूमि में सवा लाख रुपये तक की आय देने वाला यह प्रयोग निश्चित रूप से छोटे किसानों के लिए एक बड़ा आशीर्वाद सिद्ध होगा देश में लगभग 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। मैंने स्वयं अपने खेत में यह प्रयोग किया है और इससे उत्पादन घटा नहीं, बल्कि बढ़ा है।

    दुनिया में प्राकृतिक खेती का बहुत बड़ा बाजार है। वैश्विक बाजार में हमारे किसानों की उपज बेहतर तरीके से पहुँच सके, इसके लिए भूमि परीक्षण से लेकर सर्टिफिकेशन, उपज की प्रयोगशाला जाँच और पैकेजिंग तक की पूरी व्यवस्था विकसित की जा रही है

    शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से दो बड़ी सहकारी संस्थाओं की स्थापना की है, जो प्राकृतिक खेती की उपज का सर्टिफिकेशन, विश्वस्तरीय आधुनिक लैब में उसका परीक्षण, पैकेजिंग, मार्केटिंग और निर्यात का कार्य कर रही हैं।

    आने वाले समय में देशभर में 400 से अधिक प्रयोगशालाएँ किसानों को सर्टिफिकेट प्रदान करेंगी, जिससे किसानों की आय लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ेगी

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    किसानों को दिलाया संकल्प

    इस मौके पर शाह ने किसानों को एक संकल्प भी दिलाया। शाह ने कहा कि हम सब यह संकल्प लें कि अपने गाँव में अगली बरसात के मौसम में कम से कम पाँच पीपल के वृक्ष अवश्य लगाएँ। पीपल का वृक्ष सबसे अधिक ऑक्सीजन प्रदान करता है। यह एक पुण्य कार्य भी है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है - “वृक्षों में मैं पीपल हूँ”

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ मंत्री व पार्टी पदाधिकारी भी शामिल हुए।