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    सड़क नहीं, सिस्टम फेल... आलीराजपुर में बीमार बुजुर्ग महिला को कंधे पर झोली में उठाकर ले गए ग्रामीण

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 08:00 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के आलीराजपुर में सड़क न होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम सामलाकुंड में एक बीमार वृद्धा को झोली में डालकर ...और पढ़ें

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    बुजुर्ग महिला को झोली में उठाकर ले जाते ग्रामीण (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले आलीराजपुर से एक बार फिर बुनियादी सुविधाओं की कमी की मार झेलती तस्वीर सामने आई है। ग्राम सामलाकुंड की काचला फलिया में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को 62 वर्षीय बीमार वृद्धा को झोली में डालकर कंधों पर उठाते हुए मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा, ताकि उसे अस्पताल पहुंचाया जा सके।

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    ग्रामीणों के अनुसार, रूपली वेस्ता मावी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। आपात स्थिति में एम्बुलेंस या किसी वाहन के गांव तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था। मजबूरन ग्रामीणों ने झोली का सहारा लिया और पैदल ही वृद्धा को करीब एक किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक पहुंचाया, वहां से उसे अस्पताल ले जाया गया।

    एक किमी अंदर बसी बस्ती, लेकिन सड़क नदारद

    काचला फलिया, बरझर से गांगेड़ी (गुजरात) को जोड़ने वाली पक्की सड़क से लगभग एक किलोमीटर अंदर स्थित है। इस बस्ती तक आज तक वाहनों के आने-जाने के लिए कोई सड़क नहीं बन पाई है। हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी पैदल आवाजाही करनी पड़ती है।

    बरसात में और बढ़ जाती है मुश्किल

    ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। अस्पताल जाना हो या कोई अन्य जरूरी काम, कीचड़ और फिसलन के कारण जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है।

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    प्रशासन से सड़क निर्माण की मांग

    ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि कम से कम एक कच्ची सड़क ही बना दी जाए, ताकि आपात स्थिति में वाहन गांव तक पहुंच सकें। उनका कहना है कि बुनियादी सड़क सुविधा मिलने से ऐसी मजबूरी भरी घटनाओं से बचा जा सकता है। यह घटना न सिर्फ सिस्टम की संवेदनहीनता को उजागर करती है, बल्कि विकास के दावों पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।