MP में पुरानी गाड़ियों के कारोबार पर परिवहन विभाग की सख्ती, बिना प्राधिकार पत्र अब नहीं कर सकेंगे व्यापार
मध्य प्रदेश में पुराने वाहनों के कारोबार के लिए नियम सख्त हो गए हैं। डीलरों को परिवहन विभाग से प्राधिकार पत्र लेना अनिवार्य होगा। बिना पत्र के व्यापार ...और पढ़ें

पुराने वाहनों की खरीदफरोख्त अब नहीं होगी आसान (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। प्रदेश में पुराने वाहनों (सेकंड हैंड गाड़ियों) की खरीद-बिक्री करने वाले डीलरों के लिए नियमों को पहले से कहीं ज्यादा सख्त कर दिया गया है। अब प्रदेश में किसी भी डीलर को सेकंड हैंड वाहन खरीदने या बेचने के लिए परिवहन विभाग से प्राधिकार पत्र (डीलर आथोराइजेशन) लेना अनिवार्य होगा।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना प्राधिकार पत्र व्यापार करने वाले डीलरों के खिलाफ एक जनवरी से प्रदेशव्यापी सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। प्राधिकार पत्र न मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दिए जरूरी निर्देश
परिवहन आयुक्त ने इंदौर आरटीओ को पुराने वाहन डीलरों के प्राधिकार पत्र बनवाने और जांच के निर्देश दिए हैं। जिले में लगभग 100 डीलर पुराने वाहनों का कारोबार करते हैं। सभी को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नए नियमों के अनुसार जब वाहन मालिक अपनी गाड़ी किसी अधिकृत डीलर को बेचता है तो केंद्रीय मोटरयान नियम के तहत फार्म 29-सी भरा जाएगा।
डीलर की तय होगी जिम्मेदारी
इस फार्म की जानकारी आरटीओ को मिलते ही संबंधित डीलर उस वाहन का ‘डीम्ड ओनर’ (माना गया मालिक) बन जाएगा। इसका सबसे बड़ा लाभ मूल वाहन मालिक को होगा, क्योंकि वाहन हैंडओवर होते ही उसकी सभी कानूनी जिम्मेदारियां समाप्त हो जाएंगी। भविष्य में दुर्घटना या किसी भी दुरुपयोग की स्थिति में जिम्मेदारी डीलर की होगी।
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शोरूम संचालकों को भी लेना होगा लाइसेंस
शोरूम संचालकों के लिए भी प्राधिकार पत्र लेना अनिवार्य होगा। यदि नए वाहनों के शोरूम संचालक पुराने वाहनों का कारोबार करते हैं तो उन्हें भी लाइसेंस लेना होगा। पुरानी कार के एक्सचेंज में भी लाइसेंस लेना आवश्यक है। मात्र 25 हजार रुपये शुल्क देकर एनआईसी के माध्यम से वाहन पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा सकता है।

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