Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्पूफिंग ई-मेल से करोड़ों की ठगी : अमेरिकी जालसाजों ने इंदौर की कंपनी से उड़ाए 3.72 करोड़, साइबर सेल ने समय रहते फ्रीज कराया खाता

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 06:56 PM (IST)

    इंदौर की एक कंपनी को स्पूफिंग ई-मेल के जरिए अमेरिका के साइबर जालसाजों ने साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। समय रहते खुलासा होने पर साइबर सेल ने ...और पढ़ें

    Hero Image

    साइबर ठगी का प्रयास (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। अमेरिका के साइबर जालसाजों ने स्पूफिंग ई-मेल के जरिए इंदौर की एक कंपनी से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। हालांकि समय रहते ठगी का खुलासा होने पर मध्य प्रदेश पुलिस की राज्य साइबर सेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारत और अमेरिका के साइबर पोर्टल के माध्यम से संदिग्ध बैंक खाते को फ्रीज करा दिया, जिससे पूरी राशि की निकासी रुक गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्जी ई-मेल से बदला बैंक अकाउंट

    पुलिस अधीक्षक (साइबर) सव्यसाची सराफ के अनुसार यह धोखाधड़ी शिवगंगा डीलर्स प्रालि. नामक कंपनी के साथ हुई, जिसका विदेशों में भी व्यापार है। कंपनी को अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित अपने वेंडर इनोवेक्स इंटरनेशनल इंक को 4,15,017.58 अमेरिकी डॉलर (करीब 3 करोड़ 72 लाख रुपये) का भुगतान करना था।

    साइबर अपराधियों ने इस भुगतान को हासिल करने के लिए बिजनेस ई-मेल कंप्रोमाइज (बीईसी) और स्पूफिंग ई-मेल का उपयोग किया और संपूर्ण राशि अंतरराष्ट्रीय फारेन रेमिटेंस अमेरिका की जेपी मार्गन बैंक के संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करवा ली।

    ऐसे हुआ शक

    तीन करोड़ 72 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर करवाने के बाद साइबर अपराधियों ने मेसर्स शिवगंगा डीलर्स को एक और स्पूफ ई-मेल भेज कर बताया कि उनका ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो चुका है। जबकि कंपनी के खाते से रुपये कट चुके थे।

    यह भी पढ़ें- देवास में निर्माण रोकने पहुंची राजस्व टीम से विवाद के बाद दंपती ने किया आत्मदाह, हालत गंभीर, इंदौर रेफर

    री-पेमेंट का ई-मेल करने पर कंपनी प्रबंधन को शक हुआ और भारत एवं अमेरिका शिकायत रजिस्ट्रेशन नंबर का संदर्भ देते हुए जेपी मॉर्गन बैंक को आधिकारिक ई-मेल से सूचना दी गई। इस बीच सक्रिय हुई राज्य साइबर सेल ने अमेरिकी बैंक से संदिग्ध खाते में जमा राशि फ्रीज करा दी। फिर बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से प्रक्रिया प्रारंभ कर यूएस डॉलर की संपूर्ण राशि कंपनी को वापस की गई।