IAS संतोष वर्मा को 'बरी' करने वाले तत्कालीन जज मुश्किल में फंसे, मांगी अग्रिम जमानत
इंदौर में फर्जी फैसला कांड में नया मोड़ आया है। IAS संतोष वर्मा को राहत देने वाले जज विजेंद्रसिंह रावत अब मुश्किल में हैं। रावत ने अग्रिम जमानत की अर् ...और पढ़ें

आईएएस संतोष वर्मा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। फर्जी फैसला कांड में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। आरक्षण को लेकर ब्राह्मण बेटियों पर विवादित टिप्पणी करने वाले IAS संतोष वर्मा को राहत देने वाले तत्कालीन स्पेशल जज विजेंद्रसिंह रावत अब खुद कानूनी शिकंजे में आ गए हैं। चार साल से जांच के दायरे में रहे रावत ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर दी है, जबकि पुलिस ने उनकी जमानत का जोरदार विरोध करने की तैयारी कर ली है।
रावत 20 दिन पहले ही निलंबित हुए हैं, वहीं संतोष वर्मा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर हैं। पुलिस शुरुआत से ही रावत को इस पूरे फर्जी फैसला कांड का मुख्य संदेही मानती रही है।
इनमें छुपा है फर्जी फैसले का कच्चा-चिट्ठा
जांच एजेंसियों ने चार साल पहले ही रावत के खिलाफ सबूत जुटाने शुरू कर दिए थे। उनके कोर्ट में उपयोग होने वाले कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त कर फर्जी फैसले की प्रति हासिल की गई। वहीं टाइपिस्ट नीतू सिंह से पेनड्राइव जब्त कर उससे भी डेटा रिकवर कराया गया।
एसआईटी ने रावत से बार-बार मोबाइल जमा कराने को कहा, लेकिन उन्होंने हर बार यही जवाब दिया कि मोबाइल टूट गया है। पांच बार भेजे गए नोटिस के बावजूद मोबाइल उपलब्ध नहीं कराया गया।
यह भी पढ़ें- IAS संतोष वर्मा के विरोध में MP के कई जिलों में प्रदर्शन, ब्राह्मण बेटियों को लेकर की थी असभ्य टिप्पणी
हाई कोर्ट ने दी थी पूछताछ की मंजूरी
हाल ही में हाई कोर्ट रावत को निलंबित कर चुका है और पुलिस को पूछताछ की अनुमति भी दे दी है। जैसे ही रावत को इस कार्रवाई की भनक लगी, उन्होंने फौरन सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर कर दी। जमानत आवेदन में रावत ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वे इस मामले में ‘फरियादी’ हैं। एसीपी विनोद दीक्षित के अनुसार, पुलिस अदालत में रावत की जमानत का कड़ा विरोध करेगी।
रावत ही थे FIR कराने वाले
मामले में एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इस पूरे विवाद में पहली FIR खुद जज विजेंद्र रावत ने दर्ज करवाई थी। इसी वजह से पुलिस पहले उनकी गिरफ्तारी को लेकर सतर्क थी। रावत की गिरफ्तारी से जिला कोर्ट में पदस्थ एक अन्य जज की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं, जिनके जरिए ही रावत और IAS वर्मा के बीच नजदीकियां बढ़ी थीं। संदेही जज को भी निलंबित किया जा चुका है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।