IAS संतोष वर्मा के विरोध में MP के कई जिलों में प्रदर्शन, ब्राह्मण बेटियों को लेकर की थी असभ्य टिप्पणी
मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण बेटियों पर की गई टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेशभर में ब्राह्मण संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन ने उन्हें नोटिस जारी करने की तैयारी की है। यह मामला क्रीमीलेयर लागू करने की मांग से भी जुड़ा है, जिस पर हाई कोर्ट में बहस चल रही है। कर्मचारी संगठनों ने कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

IAS संतोष वर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्राह्मण बेटियों को लेकर असभ्य टिप्पणी करके घिरे मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रदेशाध्यक्ष संतोष वर्मा को लेकर आक्रोश जारी है। प्रदेशभर में जगह-जगह ब्राह्मण संगठनों के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों और कई कर्मचारी संगठन उनकी टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं।
इसी बीच वह वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है, जिसमें संतोष वर्मा आपत्तिजनक बयान देते नजर आ रहे हैं। इसमें वह क्रीमीलेयर के सुझाव को खारिज करते-करते अपनी जुबान पर काबू खो बैठे और सीधे ब्राह्मण समाज की बेटियों पर असभ्य टिप्पणी कर बैठे। बवाल मचा है तो अब सामाजिक समरसता का तर्क दे रहे हैं, लेकिन ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि आरक्षण की मांग अपनी जगह है, पर किसी जाति विशेष और उसकी बेटियों को अपमानित करना बिल्कुल भी उचित नहीं। इसलिए वर्मा को माफी भी नहीं दी जाएगी।
प्रशासन विभाग कर रहा ये तैयारी
वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगने की तैयारी में है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इस मामले का संज्ञान लिया है। दरअसल, संतोष वर्मा की यह आपत्तिजनक टिप्पणी क्रीमीलेयर लागू करने की मांग के विरोध से जोड़ी जा रही है। वजह यह है कि हाई कोर्ट जबलपुर में पदोन्नति नियम 2025 पर बहस चल रही है। अनारक्षित (सामान्य) वर्ग क्रीमीलेयर लागू करने की मांग कर रहा है।
सवर्णों का क्या कहना है?
सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य हाई कोर्ट के निर्णय की रोशनी में सामान्य वर्ग का कहना है कि आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए क्रीमीलेयर का सिद्धांत लागू किया जाना चाहिए। नए पदोन्नति नियम में इसका कोई प्रविधान नहीं रखा गया। इससे जो लोग लाभ पाते जा रहे हैं, वे ही लाभ पाते रहेंगे।
सूत्रों का कहना है कि अजाक्स के अध्यक्ष के बयान को पदोन्नति नियम के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। यह सिद्धांत लागू होता है तो अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के वे अधिकारी-कर्मचारी पदोन्नति की दौड़ से बाहर हो जाएंगे, जो उम्मीद पाले बैठे हैं।
उधर, प्रदेश के राजगढ़, ग्वालियर और इंदौर सहित अन्य जिलों में संतोष वर्मा की असभ्य टिप्पणी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस को एफआईआर के लिए ज्ञापन दिए गए। वहीं, मध्य प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी उनकी टिप्पणी का विरोध किया गया है। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी संगठनों ने दो-तीन दिन में कार्रवाई न होने पर अगले चरण के आंदोलन की चेतावनी दी है।

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