ED ने कोर्ट में पेश की चार्जशीट, कांग्रेस नेता गोलू को माना 400 करोड़ के सट्टेबाजी नेटवर्क का मास्टरमाइंड, दुबई से जुड़े हैं तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री को 400 करोड़ रुपये के अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क का सरगना बताया है। ईडी ने स्पेशल कोर्ट में चार् ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी शहर अध्यक्ष और पूर्व पार्षद विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री को इसका मुख्य सरगना बताया है। ईडी ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट (PMLA) में पेश चार्जशीट में दावा किया कि यह पूरा सट्टेबाजी नेटवर्क देश के कई राज्यों के साथ-साथ दुबई तक फैला हुआ था और इसके जरिए बड़े पैमाने पर क्रॉस-बॉर्डर मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
ईडी की प्रारंभिक जांच वर्ष 2021 में मुंबई में दर्ज अवैध सट्टेबाजी से जुड़े एक एफआईआर के बाद शुरू हुई थी। इसके बाद 2024 में ईडी ने अग्निहोत्री के ठिकानों पर छापेमारी की। जांच का दायरा लगातार बढ़ता गया और 2025 तक मुंबई, अहमदाबाद और चेन्नई सहित कई शहरों में कार्रवाई की गई। जांच एजेंसी के अनुसार, नेटवर्क के तार सीधे दुबई से जुड़े पाए गए हैं।
404 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई
चार्जशीट में ईडी ने खुलासा किया है कि अवैध कमोडिटी एक्सचेंज, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और फर्जी वेबसाइटों के जरिए कुल 404.46 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई। इस मामले में गोलू अग्निहोत्री के साथ तरुण श्रीवास्तव और श्रीनिवास रामासामी को उसका करीबी सहयोगी बताया गया है। तरुण श्रीवास्तव लेन-देन संभालता था, जबकि श्रीनिवास रामासामी फर्जी ट्रेडिंग के लिए सर्वर में तकनीकी हेरफेर करता था।
इसके अलावा धवल देवराज जैन, धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी और निधि चांदनानी को भी इस सट्टेबाजी सिंडिकेट का हिस्सा बताते हुए आरोपी बनाया गया है।
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अवैध प्लेटफॉर्म और नकद लेन-देन
ईडी के मुताबिक, आरोपी वी मनी, लोटसबुक247, 8स्टॉकहाइट और 11 स्टार जैसे अवैध ऑनलाइन ट्रेडिंग और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म चला रहे थे। सट्टे का अधिकांश कारोबार नकद में होता था, जबकि फर्जी बैंक खातों के जरिए रकम को इधर-उधर किया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि ‘बुल कैपिटल’ नाम की एक फर्जी कंपनी और आरोपी निधि चांदनानी ने दुबई के रास्ते इस काली कमाई को चैनलाइज करने में अहम भूमिका निभाई।
संपत्ति अटैच, नकदी और कीमती धातुएं जब्त
मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिलने के बाद ईडी ने आरोपियों की संपत्तियां अटैच करने की कार्रवाई भी की है। हालांकि, ईडी के अनुसार अब तक कुल अवैध कमाई के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत मूल्य की ही संपत्ति अटैच की जा सकी है। एजेंसी ने 28.60 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 3.83 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और बैंक खातों में जमा 1.83 करोड़ रुपये सहित कुल 34.26 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है।
इसके अलावा छापेमारी के दौरान अलग-अलग ठिकानों से 5.21 करोड़ रुपये नकद, 59.9 किलोग्राम चांदी की सिल्लियां, 100 ग्राम सोने के बिस्किट, कीमती घड़ियां और करीब 41 लाख रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी भी जब्त की गई है।

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