ग्वालियर में कैलाश खेर के कान्सर्ट में दर्शक हुए बेकाबू, बैरिकेड्स फांद स्टेज के निकट पहुंचे, गायक ने कहा- 'जानवरगीरी मत करिए'
ग्वालियर में कैलाश खेर के कॉन्सर्ट में दर्शक बेकाबू हो गए और बैरिकेड्स तोड़कर स्टेज के पास पहुँच गए। गायक कैलाश खेर ने दर्शकों से शांत रहने और संयमित ...और पढ़ें

कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देते कैलाश खेर।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। ग्वालियर गौरव दिवस की शाम संगीत, अध्यात्म और जोश से भरपूर रही। देश के प्रख्यात सूफियाना पार्श्वगायक कैलाश खेर ने अपनी सुमधुर गायकी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हालांकि मेला परिसर में आयोजित कांसर्ट के दौरान तब हंगामे की स्थिति पैदा हो गई, जब दर्शकों का एक हिस्सा अचानक अतिउत्साह में बेकाबू हो गया।
गानों के दौरान कुछ लोग बैरिकेड्स फांदकर मंच की ओर बढ़ने लगे। कुछ लोग स्टेज तक पहुंचने की कोशिश करते नजर आए, जिसके बाद कैलाश खेर को अपना गाना बीच में ही रोकना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दर्शकों से व्यवहार से क्षुब्ध
दर्शकों के इस व्यवहार से गायक कैलाश खेर क्षुब्ध हो गए और उन्होंने मंच से ही माइक पर दर्शकों से अपील करते हुए कहा, 'हमारे इक्विपमेंट के निकट नहीं आएं, अगर आए तो हम शो बंद कर देंगे। हमने आपकी प्रशंसा की और आप जानवरगीरी कर रहे हैं। ऐसा मत करिए।' हालात बिगड़ते देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के साथ पुलिस भी सक्रिय हुई और दर्शकों की भीड़ को पीछे हटाया।
बता दें कि कैलाश खेर यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर ग्वालियर व्यापार मेला मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पहुंचे थे। इस भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में हजारों दर्शकों की मौजूदगी ने इस शाम को यादगार बना दिया। रंग-बिरंगी रोशनी, धड़कते बीट्स और सूफियाना सुरों के बीच ग्वालियर पूरी तरह संगीत में डूबा नजर आया।
संगीत सम्राट और अटल जी को स्वरांजलि
इससे पहले मीडिया से बातचीत में कैलाश खेर ने कहा कि ग्वालियर वह धरती है, जहां खंड-खंड में अध्यात्म और संस्कृति बसती है। उन्होंने बताया कि वह पहले भी 2012 में यहां आकर तानसेन को श्रद्धांजलि दे चुके हैं और इस बार सूफी गीतों से उन्हें स्वरांजलि दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को भी नमन किया। कैलाश ने कहा, “ग्वालियर जैसे सुनने वाले कहीं नहीं मिलते।”

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