ग्वालियर में फर्जी मैट्रिमोनियल रैकेट का पर्दाफाश: कॉल सेंटर में बैठी युवतियां देती थीं झांसा, 1500 युवकों से लाखों की ठगी
ग्वालियर पुलिस ने फर्जी मैट्रिमोनियल गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो 'यूनिक रिश्ते' और 'माय पार्टनर इंडिया' वेबसाइटों के माध्यम से कुंवारे युवकों को ठग ...और पढ़ें

कॉल सेंटर में बैठी युवतियों के जरिए ठगी (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। शादी का सपना दिखाकर ठगी करने वाले एक बड़े फर्जी मैट्रिमोनियल गिरोह का ग्वालियर पुलिस ने खुलासा किया है। ‘यूनिक रिश्ते’ और ‘माय पार्टनर इंडिया’ नाम की मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स के जरिए देशभर के कुंवारे युवकों को निशाना बनाया जा रहा था। थाटीपुर क्षेत्र में संचालित दो कॉल सेंटरों से यह पूरा फर्जीवाड़ा चल रहा था, जहां बैठी युवतियां ही फोन पर बात कर लोगों को शादी का झांसा देती थीं। अब तक करीब 1500 युवकों से ठगी किए जाने का खुलासा हुआ है, जिनमें मध्य प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के पीड़ित भी शामिल हैं।
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह गूगल, इंस्टाग्राम और फेसबुक से सुंदर युवतियों और मॉडल्स की तस्वीरें डाउनलोड कर संभावित दूल्हों को भेजता था। बातचीत आगे बढ़ाने और मोबाइल नंबर साझा करने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस वसूली जाती थी। कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियां कुछ दिन तक पीड़ितों से नियमित बातचीत करती थीं और फिर “सोच नहीं मिल रही” जैसे बहानों का सहारा लेकर संपर्क तोड़ देती थीं।
छापेमारी में कॉल सेंटर बेनकाब
एसएसपी धर्मवीर सिंह के मुताबिक, ठगी की शिकायत मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने थाटीपुर के मयूर नगर क्षेत्र में छापेमारी की। यहां पीतांबर त्रिपाठी के मकान में किराये पर कॉल सेंटर चलाया जा रहा था, जिसका संचालन तिलेश्वर उर्फ दिनेश पटेल कर रहा था। वहीं, करीब एक किलोमीटर दूर द्वारिकाधीश मंदिर के पास एक अपार्टमेंट के फ्लैट से दूसरा कॉल सेंटर संचालित हो रहा था।
छापे के दौरान दोनों महिला संचालकों और कॉल सेंटर में काम करने वाली 17 युवतियों को हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच थाने लाया गया। मौके से पुलिस ने 45 मोबाइल फोन, दो कंप्यूटर, 50 सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों के 12 एटीएम कार्ड, पासबुक और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। मुख्य सरगना तिलेश्वर पटेल फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
ऐसे दिया जाता था ठगी को अंजाम
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों से वाट्सएप पर उम्र, आय और मनपसंद जीवनसाथी से जुड़ी जानकारी ली जाती थी। इसके बाद आकर्षक युवतियों की तस्वीरें भेजी जाती थीं। नंबर साझा करने के बदले तीन हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक की रकम वसूली जाती थी। बातचीत कॉल सेंटर में काम करने वाली वही युवतियां करती थीं, जिससे पीड़ितों को भरोसा हो जाता था।
यह भी पढ़ें- मुरैना से चंबल नदी के जरिए यूपी तक खाद की कालाबाजारी, MP के कृषि मंत्री के जिले में चल रहा गोरखधंधा, Video वायरल
कई मामलों में बातचीत इतनी विश्वसनीय होती थी कि पीड़ित दोबारा भी रजिस्ट्रेशन करा लेते थे। जांच में यह भी सामने आया कि उम्रदराज लोग इस ठगी के सबसे आसान शिकार बने। एक 58 वर्षीय रिटायर्ड फौजी से तीन बार ठगी की गई, जबकि रिटायर्ड प्रोफेसर और डॉक्टर भी इस गिरोह के जाल में फंस गए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।