मुरैना से चंबल नदी के जरिए यूपी तक खाद की कालाबाजारी, MP के कृषि मंत्री के जिले में चल रहा गोरखधंधा, Video वायरल
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री के गृह जिले मुरैना से चंबल नदी के रास्ते उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। अंबाह-पोरसा क्षेत्र के उ ...और पढ़ें

जलमार्ग से हो रही खाद की तस्करी।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना के गृह जिले मुरैना में किसान जहां एक-एक बोरी खाद के लिए भटक रहे हैं, वहीं उसी जिले से चंबल नदी के रास्ते उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। अंबाह–पोरसा क्षेत्र के उसैद घाट से स्टीमर के जरिए सैकड़ों बोरी यूरिया और डीएपी खाद यूपी के आगरा जिले में भेजी जा रही थी। इस अवैध कारोबार का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया।
वायरल वीडियो के सामने आने के बाद कृषि विभाग की शिकायत पर महुआ थाने में चार आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वीडियो एक ग्रामीण द्वारा मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि ई-रिक्शा और ऑटो से खाद के बोरे उतारकर स्टीमर में लादे जा रहे हैं। स्टीमर में 100 से अधिक बोरे रखे नजर आते हैं। दूसरे वीडियो में यही खाद यूपी के आगरा जिले के पिनाहट घाट पर उतारी जाती दिखाई दे रही है।
बताया जा रहा है कि आगरा जिले के पिनाहट, परुआपुरा, देवगढ़, विप्रावली, अमरसिंह का पुरा, खेरा राठौर सहित दर्जनों गांवों में यूरिया और डीएपी की भारी किल्लत है। इसी का फायदा उठाकर मुरैना के अंबाह क्षेत्र से खाद महंगे दामों पर यूपी भेजी जा रही है। मुरैना में जहां यूरिया का सरकारी दाम 272 रुपये प्रति बोरी है, वहीं पिनाहट क्षेत्र के किसानों को यही खाद 330 से 350 रुपये में बेची जा रही है। आरोप है कि इस पूरे खेल में कृषि विभाग के कुछ कर्मचारियों से लेकर लाइसेंसी खाद विक्रेताओं तक की मिलीभगत है।
कृषि मंत्री के गृह जिले में खाद का 'खेल', मुरैना से चंबल नदी के जरिए यूपी में हो रही कालाबाजारी, Video वायरल। pic.twitter.com/9HkPCjKiH0
— NaiDunia (@Nai_Dunia) December 21, 2025
प्रशासन हरकत में, घाट पर पहुंची टीम
वीडियो वायरल होने के बाद पोरसा एसडीओ कृषि मेरसिंह जम्होरिया, नायब तहसीलदार राजेंद्र मौर्य और महुआ थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह गौर टीम के साथ उसैद घाट पहुंचे। हालांकि तब तक खाद की खेप यूपी पहुंच चुकी थी। जिन स्थानों पर रात में खाद का स्टॉक किया जाता था, वहां भी दबिश दी गई, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। स्टीमर चालक ने खाद की खेप को चंबल के उस पार ले जाने की बात स्वीकार की। इसके बाद एसडीओ की शिकायत पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
रोजाना होता है खेल, महीनों से जारी तस्करी
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है। उसैद-बड़ापुरा निवासी दीपक सिंह तोमर के अनुसार, महीनों से अंबाह की ओर से रात के अंधेरे और सुबह तड़के ऑटो व ई-रिक्शाओं में खाद के बोरे लाए जाते हैं। इन्हें पहले एक जगह जमा किया जाता है और फिर स्टीमर के पहले फेरे में, जब सवारियां कम होती हैं, उसी समय खाद को लादकर पिनाहट घाट पहुंचा दिया जाता है।
कुल मिलाकर, किसानों की जरूरतों के बीच खाद की इस कालाबाजारी ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि कृषि मंत्री के गृह जिले में सामने आए इस ‘खाद के खेल’ ने सियासी और प्रशासनिक हलकों में भी खलबली मचा दी है।

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