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महाराष्ट्र के 150 गांव के लोग मध्य प्रदेश में होना चाहते हैं शामिल, राष्ट्रपति को पत्र लिख की ये मांग

महाराष्ट्र के लोग अब मध्य प्रदेश में रहने की मांग कर रहे है। बता दें कि इसे शिवराज सरकार और भाजपा की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मध्य प्रदेश के विकास कार्यों और बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए लोग इस शहर की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashPublished: Sat, 31 Dec 2022 02:39 PM (IST)Updated: Sat, 31 Dec 2022 02:39 PM (IST)
महाराष्ट्र के 150 गांव के लोग मध्य प्रदेश में होना चाहते हैं शामिल, राष्ट्रपति को पत्र लिख की ये मांग

बुरहानपुर, जागरण डेस्क। महाराष्ट्र के लोग अब मध्य प्रदेश में रहने की मांग कर रहे है। बता दें कि इसे शिवराज सरकार और भाजपा की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। मध्य प्रदेश के विकास कार्यों और बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए लोग इस शहर की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे है।

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बता दें कि महाराष्ट्र के अमरावती जिले की धारणी तहसील को लोग अब मध्य प्रदेश में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर 29 दिसंबर को मप्र और महाराष्ट्र की सीमा पर 50 से अधिक लोगों ने मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया। बता दें कि यहां के लोगों ने राष्ट्रपति और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में मांग की गई है कि धारणी तहसील को मध्य प्रदेश में शामिल किया जाए।

30 सालों से कुपोषण से जूझ रहा ये तहसील

बता दें कि धारणी तहसील को मध्य प्रदेश में शामिल करने की मांग काफी समय से चल रही है। अमरावती जिला परिषद सदस्य श्रीपाल रामप्रसाद पाल ने कारण बताते हुए कहा कि धारणी तहसील 150 किमी में फैला हुआ है और इसका 70 फीसदी गांव मध्य प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर सड़के तक की हालत काफी खराब बनी हुई हैं।

रामप्रसाद ने बताया कि 70 किमी से ज्यादा का राजमार्ग कई सालों से जर्जर पड़ा हुआ है। मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। लोगों को जरूरत का सामान खरीदने से लेकर अपना इलाज कराने के लिए बुरहानपुर, खंडवा और बैतूल जाना पड़ता हैं। ये तहसील बीते 30 सालों से कुपोषण से जूझ रहा है। सरकार इन सभी को अनदेखा कर रही है।

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महाराष्ट्र सरकार नहीं दे रही ध्यान

विरेध प्रदर्शन कर रहे लोगों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। योजनाएं यहां बहुत देर बात पहुंचती है। कई लोगों की बोलचाल की भाषा हिंदी है और यहां के महाराष्ट्र सरकार के अफसर मराठी में बात करते हैं। भाषाओं में अंतर के कारण लोगों के बीच ठीक से संवाद नहीं हो पाता है। लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश में बेहतर सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और उद्योग धंधे हैं। जिससे लोगों काम कासही अवसर प्राप्त हो सकता है।

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