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    कौन है इस्तीफे के बाद चर्चा में आने वाली पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, शादी के दौरान बटोरी थीं सुर्खियां

    By Shalini KumariEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Tue, 27 Jun 2023 01:40 PM (IST)

    Nisha Bangre Profile मध्य प्रदेश की एक पूर्व डिप्टी कलेक्टर इस्तीफा देने के बाद से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल ऑफिस से छुट्टी न मिलने के कारण निशा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद प्रशासन और निशा आमने-सामने नजर आ रहे है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब निशा राजनीतिक दुनिया में कदम रख सकती हैं।

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    डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियों में छाई निशा बांगरे

    नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। Nisha Bangre Profile: अपने पद से इस्तीफा देने वाली मध्य प्रदेश की एक पूर्व डिप्टी कलेक्टर काफी चर्चा में आ गई है। दरअसल, बताया जा रहा है कि इन्होंने अपने विभाग से छुट्टी मांगी थी, लेकिन छुट्टी न मिलने की वजह से इन्होंने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अब प्रशासन ने इनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    कौन है निशा बांगरे? (Who Is Nisha Bangre)

    निशा बांगरे का जन्म मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में हुआ था। अपने शुरुआती शिक्षा पूरी करने के लिए निशा ने 2010 से 2014 के बीच इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वो गुरुग्राम के एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगी। इसी बीच इनका झुकाव सिविल सर्विस की ओर बढ़ने लगा, जिसकी वजह से उन्होंने ज्यादा समय तक नौकरी नहीं की। सिविल परीक्षा पास करने के बाद निशा ने साल 2016 में एमपी में डीएसपी का पदभार ग्रहण किया।

    इसके बाद साल 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया, जिसके बाद इनकी पहली पोस्टिंग बैतूल के आवला क्षेत्र में हुई। इस्तीफा देने से पहले निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम थीं।

    संविधान को साक्षी मानकर किया विवाह

    निशा का पारिवारिक जीवन भी सुर्खियां बटोरने में पीछे नहीं रहा है। दरअसल, निशा की शादी भी काफी चर्चा में रही थी, क्योंकि इन्होंने संविधान को साक्षी मानकर शादी की थी। इनके पति एक मल्टी नेशनल कंपनी में अधिकारी हैं और उनका 3 साल का एक बेटा भी है।

    गृह प्रवेश के लिए नहीं मिली छुट्टी

    पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बैतूल जिले के आमला में 25 जून को आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने और अपने नए घर के गृह प्रवेश पूजा के लिए छुट्टी मांगी थी। निशा को इसके लिए छुट्टी नहीं मिली, जिसके बाद वो काफी भड़क गईं और तुरंत उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही निशा ने आरोप लगाया कि उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

    राजनीति में आने के लगाए जा रहे कयास

    दरअसल, निशा के इस्तीफे के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि निशा ने अपने पद से इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि वो राजनीति में आने वाली हैं। निशा बांगरे मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। दरअसल, पहले भी निशा ने राजनीति में आने की अपनी इच्छा जाहिर की है।

    छह महीने से छुट्टी पर थी निशा

    बता दें डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुशनगर में SDM के पद पर कार्यरत थीं और घरेलू कार्य का हवाला देकर पिछले छह महीने से छुट्टी पर थीं और वापस आने के बाद एक बार फिर छुट्टी मांग रही थी, जिस कारण उनको अवकाश नहीं दिया गया।

    निशा को भेजा गया नोटिस

    निशा छतरपुर से पहले भोपाल में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत थी, उस दौरान उन्हें एक शासकीय बंगला दिया गया था। अब प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा है कि भोपाल से रिलीव होने और छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर ज्वाइन होने के बाद भी उन्होंने अपना F-5/27 बंगले नहीं छोड़ा है। नोटिस के मुताबिक, निशा अब भी उस बंगले पर कब्जा किए हुई हैं।

    निशा ने नोटिस को लेकर दिया जवाब

    निशा बांगरे ने भेजे गए नोटिस को लेकर कहा कि सरकार और प्रशासन उनके खिलाफ षड़यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि जब तक वह कार्यरत थी, उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया है, लेकिन इस्तीफे के तुरंत बाद नोटिस भेजना सीधे तौर पर एक षड़यंत्र की तरह लग रहा है। उन्होंने कहा कि छतरपुर में बंगला न मिलने के कारण उन्होंने भोपाल वाले बंगले में ही अपना सामान रखा था।

    निशा के खिलाफ होगी कार्रवाई

    निशा ने जिस सर्व धर्म सम्मान समारोह के लिए छुट्टी मांगी थी, उस कार्यक्रम के लिए प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बावजूद कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री सहित 11 देशों के मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। रविवार को आयोजित कार्यक्रम में श्रीलंका के न्यायमंत्री विजयदासा राजपक्षे भगवान बुद्ध की अस्थि कलश लेकर आए थे, जिसे बांगरे के आवास पर स्थापित कर प्रार्थना सभा की गई।

    जिला प्रशासन इस बात के साक्ष्य इकट्ठा कर रहा है कि प्रशासन के अनुमति के बिना किए गए कार्यक्रम में दूसरे देशों के राजनयिकों कैसे और क्यों बुलाए गए थे। सभी साक्ष्य जुटा लेने के बाद निशा बांगरे के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।