Bhopal Railway News: दक्षिण एक्सप्रेस में बेहोश हुआ यात्री, कोच कंडक्टर-टीटी की सूझबूझ से बची जान
हजरत निजामुद्दीन से मुलताई की ओर जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में एक यात्री रेलकर्मी को बेहोशी की हालत में मिला। हालांकि टीटीई और अन्य रेलकर्मियों की सूझबूझ से व्यक्ति को तुरंत इलाज मुहैया कराया गया। जिससे सही समय पर युवक की जान बच गई। (जागरण फोटो)
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। हजरत निजामुद्दीन से मुलताई की ओर जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस में एक यात्री रेलकर्मी को बेहोशी की हालत में मिला। ट्रेन के कोच बी-1 में बर्थ नंबर तीन पर एक यात्री कोच कंडक्टर पीयूष हरायन को बेहोशी की अवस्था में दिखा।
निजामुद्दीन से मुलताई की ओर जा रहा था युवक
कोच कंडक्टर ने तुरंत उसको उठाने का प्रयास किया। लेकिन जब यात्री ने कोई हरकत नहीं मिली, तो उन्होंने तुरंत ही टीटीई कमर्शियल कंट्रोल भोपाल में इस घटना की सूचना दी। पीयूष ने व्यक्ति की पहचान के लिए तुरंत चार्टर देखा जिससे उन्हें जानकारी मिली कि महेश बोबड़े निजामुद्दीन से मुलताई की ओर जा रहा था। वह अपनी बर्थ पर अचानक बेहोश हो गया था।
टीटीई कमर्शियल कंट्रोल भोपाल दी जानकारी
महेश के एक दोस्त ने भी उसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया तो वह बीना स्टेशन पर उसे देखने के लिए पहुंच गया था। जिससे उसे पता चला की वह होश मे नहीं है। जिसके बाद महेश के दोस्त ने और टीटीई ने महेश को जगाने का प्रयास किया। लेकिन उसकी ओर से दोनों को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। जिसे देखते हुए टीटीई ने तत्काल इसकी जानकारी दी। उन्होंने गंज बासौदा से निकलते ही टीटीई कमर्शियल कंट्रोल भोपाल को इसकी सूचना दी। उन्होंने विदिशा स्टेशन पर तुरंत ही डॉक्टर और एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए कहा।
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रेलकर्मियों की सूझबूझ से टली अनहोनी
जैसे ही दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन विदिशा पहुंची व्यक्ति को ट्रेन से बाहर निकाला गया। जिसके बाद डिप्टी एसएस व आरपीएफ के जवानों ने बेहोश यात्री को इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल तत्काल इलाज के लिए भेजा। हालांकि उपचार के बाद तुरंत यात्री को होश आ गया और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। जिसके बाद महेश अपने घर मुलताई के लिए दोबारा से रवाना हो गया।
युवक ने की प्रशंसा और किया धन्यवाद
दक्षिण एक्सप्रेस के कोच कंडक्टर और रेलकर्मियों की सूझबूझ से महेश के साथ कोई बड़ी अनहोनी होने से टल गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद महेश ने टीटीई को फोन कर रेल प्रशासन की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद भी दिया। महेश ने कहा कि यदि मुझे मौके पर आपके द्वारा सहायता नहीं मिलती तो कुछ भी बड़ी घटना मेरे साथ कर सकती थी।
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