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    MP News: खेत में घास काट रही अपनी मां से पुलिस की वर्दी में मिलने पहुंचा डीएसपी बना बेटा

    मां ने कहा- गरीबी तेरा मुंह काला हो गया और मेरा बेटा पुलिसवाला हो गया। डीएसपी संतोष पटेल बताते हैं कि वह 15 फरवरी 2018 को डीएसपी बने थे और बैतूल में पहली पोस्टिंग हुई थी। वर्दी पहनकर गांव के पास से निकला तो मां से मिलने पहुंच गया।

    By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 01 Mar 2023 06:30 AM (IST)
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    मां ने कहा- गरीबी तेरा मुंह काला हो गया और मेरा बेटा पुलिसवाला हो गया।

    ग्वालियर, जेएनएन। गरीबी तेरा हो गया मुंह काला हो गया और मेरा बेटा पुलिसवाला हो गया। यह बात घाटीगांव डीएसपी संतोष पटेल की मां ने कही। असल में डीएसपी संतोष पटेल सतना ड्यूटी करने के लिए गए हुए थे। जब वह अपने गांव के पास से होकर गुजरे तो पता चला कि उनकी मां खेत पर घास काट रही है। इसलिए वह अपने खेत पर वर्दी में जा पहुंचे।

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    बेटे को वर्दी में देख खुश हो गई मां

    बेटे को वर्दी में देख मां का चेहरा खिल गया और उन्होंने कहा कि गरीबी तेरा मुंह हो गया काला और मेरा बेटा बन गया पुलिस वाला। इस पर डीएसपी ने अपनी मां से कहा कि क्यों अब घास काट रही हो। आराम करो या मेरे साथ ग्वालियर चलो।

    इस पर उनकी मां ने कहा कि घास जानवरों के लिए काट रही हूं जिससे दूध-घी का काम चलता है। मैं ग्वालियर जाकर क्या करूंगी यहां पर बेटे के लिए दो पैसा कमा लेती हूं। डीएसपी संतोष पटेल बताते हैं कि मां-बेटे का यह वार्तालाप मेरे ताऊ के बेटे ने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। इसमें मेरा चचेरा भाई मां से पूछता है कि आपको भइया खर्चा देते हैं तो उस पर उन्होंने कहा कि हां खूब पैसा देते हैं।

    मेरी मां आज भी अपना खर्च स्वयं चलाती हैं

    डीएसपी संतोष पटेल बताते हैं कि वह 15 फरवरी 2018 को डीएसपी बने थे और बैतूल में पहली पोस्टिंग हुई थी। उसके बाद पहली बार सतना ड्यूटी में जाते वक्त वर्दी पहनकर गांव के पास से निकला तो मां खेत पर घास छील रही थी वहीं मिलने पहुंच गया।

    जब तक हाथ-पैर चल रहे हैं तो गांव में 2 रुपये कमा लेते हैं

    डीएसपी संतोष पटेल ने कहा कि मेरी मां आज भी अपना खर्चा स्वयं चलाती है। एक भैंस पाले हैं जिसका घी हमें भिजवाती है और दूध बेचती है। 3 बकरी रखे हुए हैं और कुछ खेती बाड़ी से कमा लेती हैं। पिता जी ने कारीगरी छोड़ दी दोनों मिलकर काम करते रहते हैं। साथ मे रहने के लिए आग्रह करता हूं तो यह कहकर टाल देती हैं कि जब तक हाथ-पैर चल रहे हैं तो गांव में 2 रुपये कमा लेते हैं। यहीं रहेंगे और तुम लोगों के लिए कुछ जोड़ेंगे।

    पैसों से खरीद लिया करो दूध

    मां अपने बेटे को उदाहरण देती है कि घर पर एक भैंस है। उसे खिलाती हूं तो दूध मिलता है। इस पर डीएसपी बेटा का जवाब होता है कि पैसे से खरीद लो। मां कहती है कि मैं फिर घर में बैठकर क्या करूंगी। इस पर डीएसपी संतोष पटेल कहते हैं कि तुम ग्वालियर चलो। मां कहती है कि यहां सब कौन देखेगा।

    खेती से अधिक पढ़ाई में फायदा

    डीएसपी की मां कहती हैं कि छह बीघा मेरे पास जमीन है। इसके बाद डीएसपी अपनी मां से पूछते हैं कि जमीन में ज्यादा फायदा है कि पढ़ाई में। मां कहती है कि पढ़ाई में ज्यादा फायदा है। वह बेटे से कहती हैं कि पढ़ाई-लिखाई वाला व्यक्ति सभी को पछाड़ देता है।

    नौकरी करने वाला राजा होता है। सरकारी नौकरी के आगे सब फेल है। नेता-विधायक तो कुछ दिन के लिए बनते हैं। वह कहती है कि नेता-विधायक बनने के लिए हाथ और पांव जोड़ो। बन जाने के बाद 50 लोग गाली देते हैं। सबसे राजा चीज नौकरी है। मेहनत करने पर सफलता मिलती है।