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    Pandit Dhirendra Shastri: समलैंगिक शादी पर ये क्या बोल गए पं.धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री, सरकार पर भी जताई नाराजगी

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 27 Mar 2023 01:01 PM (IST)

    Pandit Dhirendra Shastri बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फिर से चर्चा में आ गए हैं। जबलपुर के पनागर में आयोजित श्रीमदभागवत कथ ...और पढ़ें

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    समलैंगिक शादी पर ये क्या बोल गए पं. धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री, सरकार पर भी जताई नाराजगी

    जबलपुर, जागरण डेस्क। Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फिर से चर्चा में आ गए हैं।

    जबलपुर के पनागर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने सेम जेंडर मैरिज पर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आजकल उल्टा जमाना आ गया है। लड़का-लड़का और लड़की-लड़की आपस में विवाह कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी इस तरह की शादी को मान्यता देकर हद कर दी।

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    'शादी का कार्ड भी ध्यान से पढ़ना पड़ता है'

    पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि अब तो शादी का कार्ड भी ध्यान से पढ़ना पड़ता है कि लड़का की शादी लड़का से हो रही है कि लड़की से। ऐसा तो विदेशों में होता था लेकिन अब तो यह हमारे देश में भी होने लगा है। धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि अब हनुमान जी ही बचाएंगे। पहले जमाना अच्छा था, लड़का की शादी लड़की से होती थी। हम यह सोच रहे थे कि हमारा ऐसे युग में जन्म हुआ है, जहां लड़के-लड़के आपस में शादी कर रहे हैं।

    लाखों श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचते है

    बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। कथा के लिए यहां एकड़ में विशाल पंडाल लगाए जाते हैं। इनमें लाखों श्रद्वालु एकजुट होकर धीरेंद्र शास्त्री को सुनते हैं। कथा में महिलाओं और पुरुषों के अलग-अलग बैठने की व्यवस्था होती है।

    धीरेन्द्र शास्त्री की कथा ये बताती है कि जीवन के साथ-साथ प्रेत बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर की तारीफ की और कहा कि यह संस्कारों की राजधानी है। यहां रह कर भी संस्कार न निखरे तो ये दुर्भाग्य है। उन्होंने कहा कि जबलपुर अब इतिहास रच रहा है। यहां का हर व्यक्ति सीताराम-सीताराम कह रहा है।

    समलैंगिक शादियों को लेकर चल रही सुनवाई

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से जुड़ी याचिकाओं को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। इस मामले पर अब 18 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ कर रही है।