MP में इस साल 55 बाघों की मौत, वन अधिकारियों का तर्क- इतनी मौतें स्वाभाविक, सीएम ने मांगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में 55 बाघों की मौत हुई है। वन अधिकारी इसे स्वाभाविक बताते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे गंभीरता से लिया है ...और पढ़ें

बाघ का शव बरामद (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। टाइगर स्टेट का दर्जा रखने वाले मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में 55 बाघों हुई है। इतनी बड़ी संख्या में मौतें वन्यजीव प्रबंधन व संरक्षण पर सवाल बनी हुई हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी इन्हें स्वाभाविक मानते हैं। उनका तर्क है कि बाघ शावकों की मौत में सर्वाइवल रेट 50 प्रतिशत होता ही है। वे यह भी तर्क दे रहे हैं कि प्रदेश में मौतों के मुकाबले बाघों की संख्या बढ़ी भी है।
हालांकि वन्य अधिकारियों के इस तर्क से शासन संतुष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं इसे गंभीरता से लिया है और वन बल प्रमुख से बाघों की मौतों पर रिपोर्ट मांगी है। चूंकि अब तक वन बल प्रमुख स्वयं भी बाघों की मौतों पर सवाल उठाते आए हैं इसलिए माना जा रहा है कि जिम्मेदार वन अधिकारियों पर इस मामले में कार्रवाई संभव है।
वजह यह है कि संदिग्ध स्थितियों में मृत पाए गए जिन बाघों की मौत का कारण वन विभाग के अधिकारी हादसे या स्वाभाविक मौत बताकर स्वयं को बचाने की कोशिश करते आए हैं, उनकी मौत का कारण शिकार को माना जा रहा है।
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बता दें कि इस वर्ष अब तक 55 बाघों में से सर्वाधिक मौतें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एवं उससे सटे क्षेत्रों में हुई हैं। यहां बाघों के शिकार की आशंका के संबंध में अलर्ट जारी किया गया है।

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