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    MP में अब हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई, गृहमंत्री अमित शाह करेंगे मेडिकल के हिंदी पाठ्यक्रम का शुभारंभ

    मध्‍य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्‍य बन गया है जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मेडिकल के हिंदी पाठ्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसे अगले सत्र से एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में भी लागू किया जाएगा।

    By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Wed, 05 Oct 2022 11:26 AM (IST)
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    देश का पहला ऐसा राज्‍य जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में करवायी जाएगी

    भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh)  में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई अब हिंदी में करवायी जाएगी, बता दें कि ये देश का पहला ऐसा राज्‍य होगा। इसकी शुरुआत 16 अक्‍टूबर से होगी। भोपाल के लाल परेड मैदान में इसके लिए एक खास कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah ) मेडिकल के हिंदी पाठ्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

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    वर्तमान सत्र से ही प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकैमिस्ट्री पढ़ाया जाएगा। इसे अगले सत्र से एमबीबीएस द्वितीय वर्ष में भी लागू किया जाएगा।

    सिलेबस में कोई बदलाव नहीं

    अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी पढ़ाई करने के लिए हिंदी अनुवाद के साथ किताबें भी तैयार की गई हैं। कार्यक्रम में सभी कॉलेजों के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को आमंत्रित किया जा रहा है। सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

    जल्‍द तैयार की जाएंगी पुस्‍तकें 

    पाठ्यक्रम सामग्री हिंदी में तैयार की जाती है, लेकिन अंग्रेजी शब्दों का उपयोग किया जाता है जो आमतौर पर छात्रों को आसानी से समझ में आ जाए। कक्षाओं में शिक्षक अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का भी प्रयोग कर सकेंगे,

    जिसे छात्र समझ सकें। जो छात्र इस वर्ष प्रथम वर्ष में हैं, वे अगले वर्ष दूसरे वर्ष में चले जाएंगे। इस तरह किताबें भी बदल जाएंगी। इससे द्वितीय वर्ष की पुस्तकें तैयार करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी।

    हिंदी दिवस पर हुई थी इसकी घोषणा 

    राज्य मंत्री सारंग ने हिंदी दिवस पर 14 सितंबर 2021 को हिंदी में भी एमबीबीएस की पढ़ाई करने की घोषणा की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिंदी को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यही बात दोहराई थी। मंत्री ने इसके लिए एक प्रमुख समिति और उप-समिति का गठन किया था।

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