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    Ujjain News: महाकाल लोक के दूसरे चरण में लगाई जाएंगी बड़ी मूर्तियां, कई मूर्तियां तैयार

    By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 02:42 AM (IST)

    Ujjain News महाकाल लोक के दूसरे चरण में बड़ी मूर्तियां लगाई जाएंगी। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं दूसरी ओर आधे से ज्यादा मूर्तियां बनकर ...और पढ़ें

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    Ujjain News: महाकाल लोक के दूसरे चरण में बड़ी मूर्तियां लगाई जाएंगी।

    उज्जैन, जागरण ऑनलाइन टीम। महाकाल लोक के दूसरे चरण के कार्य शीघ्र शुरू किए जाएंगे। इनमें भी विशाल मूर्तियां लगाई जाएंगी। छोटे रुद्रसागर के तट पर नटराज मंडल बनाया जाएगा। इसमें नटराज केंद्र में होंगे, जिसके आठों दिशाओं में नृत्य करती भगवान शिव की आठ मूर्तियां स्थापित होंगी। इन मूर्तियों के चारों ओर उनके परम भक्त माने गए भगवान श्रीराम, माता सीता, माता पार्वती, परशुराम, शनिदेव, गुरु शुक्राचार्य की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

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    काफी हद तक मूर्तियों का हो चुका निर्माण

    आधी से ज्यादा मूर्तियों का निर्माण कर लिया गया है। सभी मूर्तिया फाइबर रेन फोर्स प्लास्टिक से बनाई गई हैं। कुछ मूर्तियां गोदाम और कुछ त्रिवेणी कला संग्रहालय के सामने बनी सरफेस पार्किंग के पिछले हिस्से में खुले में रखी हैं। कहा गया है कि छोटे रुद्रसागर के तट और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के समीप बनाए जा रहे ¨चतन वन, अनुभूति वन, मेघदूत वन में भी मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

    गौरतलब है कि श्री महाकाल लोक योजना के प्रथम चरण में बड़े रुद्रसागर के तट पर भगवान शिव सहित विभिन्न देवी-देवताओं की 200 से अधिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। प्रथम चरण का कार्य 351 करोड़ रुपये से पूर्ण हुआ है। दूसरे चरण के लिए 505 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर काम शुरू हो चुके हैं और कुछ दीपावली के बाद शुरू किए जाने का दावा है।

    कालिदास की कल्पना के अनुसार तैयार होगा महाकाल

    वनमहाकाल योजना के आर्किटेक्ट कृष्णमुरारी शर्मा ने बताया कि महाकवि कालिदास ने अपनी कालजयी रचना 'मेघदूतम्' में महाकाल वन की जो परिकल्पना की है, उसे साकार किया जाएगा। इसके लिए दूसरे चरण के कार्यों में महाकालेश्वर मंदिर के आसपास खूबसूरत वन क्षेत्र तैयार किया जाएगा।

    महाकालेश्वर मंदिर से 100 मीटर दूर से भी श्रद्धालु शिखर के दर्शन निर्बाध कर सकें, इस भावना को ध्यान में रख वन क्षेत्र बनाया जाएगा। महाराजवाड़ा भवन के आसपास शिव प्रिय पेड़-पौधे रोपे जाएंगे। एक पुष्प वाटिका बनाई जाएगी। बीच में फव्वारे लगाए जाएंगे।

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