MP News: कछुआ तस्करों को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को बदलनी पड़ी पहचान, तब पकड़ पाए पांच तस्कर
MP News मंगलवार की देर शाम पांच आरोपित जैसे ही बिरसा कछुआ लेकर आए उनको घेराबंदी कर दबोच लिया गया इनके कब्जे से छह नग कछुआ व दो बाइक जब्त की गई है।बुधवार को आरोपितों को बैहर न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

बालाघाट (बिरसा)। जेएनएन। MP News: वन विभाग के कर्मचारियों ने खुद बाबा बनकर आरोपितों से कछुआ खरीदने के लिए फोन किया और कहा कि हमें कछुए चाहिए। जगह बताओ कहां आकर सौदा करना है। मंगलवार की देर शाम पांच आरोपित जैसे ही बिरसा कछुआ लेकर आए उनको घेराबंदी कर दबोच लिया गया, इनके कब्जे से छह नग कछुआ व दो बाइक जब्त की गई है।बुधवार को आरोपितों को बैहर न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि लांजी क्षेत्र के अलग-अलग गांव में पांच लोगों द्वारा छह नग कछुआ नदी, तालाब व खेतों से पकड़े है। आरोपित कछुआ बेचने के लिए ग्राहक ढूंढ रहे है। मंगलवार को मुखबिरों से आरोपितों के मोबाइल नंबर लेकर वन विभाग के कर्मचारी खुद बाबा बन गए और बिरसा बुलवाएं।
पांचों आरोपित दो बैग में छह नग कछुआ लेकर बिरसा आए यहां उन्हें पकड़ लिया गया। आरोपितों ने पूछताछ मेें बताया कि कछुआ उन्होंने अपने ही गांव के नदी, तालाब व खेतों से पकड़े थे। इन कछुओं को बेचने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कोई ग्राहक नहीं मिल रहा था।
ये है आरोपित
पकड़े गए आरोपितों में यशवंत पिता मुन्नालाल दांदरे 28 वर्ष ग्राम पौसेरा तहसील लांजी, रमन सिंह पिता बुधसिंह धुर्वे 32 वर्ष ग्राम बेलगांव तहसील लांजी, दिनेश कुमार पिता चुन्नीलाल टिकेश्वर 30 वर्ष ग्राम बेलगांव तहसील लांजी, सचिन कुमार पिता बंसीलाल वहाने 28 वर्ष ग्राम नेवरवाही तहसील लांजी और शिवकुमार पिता भिवराम खरे 48 वर्ष ग्राम नेवरवाही तहसील लांजी निवासी है।
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आरोपितों को पकड़ने में परिक्षेत्र सहायक बिरसा बीआर नारनौरे, परिक्षेत्र सहायक मछुरदा बीडी खांडेकर, परिक्षेत्र सहायक दमोह जीवनलाल वरकड़े, परिक्षेत्र सहायक बैहर मनोज चौहान, वनरक्षक नदीम हुसैन परिक्षेत्र पश्चिम बैहर सामान्य, वनरक्षक जाहनवी फूलबांधे, इंदु बिसेन, गुलाबचंद गौतम, अमर पंद्रे, लक्ष्मण सिंह पंद्रे, जगदीश मिश्रा, तुकाराम नेवारे, स्थायीकर्मी देवीप्रसाद शुक्ला, मदन काकोटे, चिंतादास का योगदान रहा।
अधिकारी का बयान
सौरभ शरणागत (वन परिक्षेत्र अधिकारी बिरसा) का कहना है कि आरोपितों को पकड़ने के लिए विभाग के कर्मचारियों को बाबा बनाकर फोन पर बातचीत करना पड़ा। उन्हें कहा गया कि कछुआ की बहुत ज्यादा जरूरत है। उन्हें ठीक ठाक पैसे देंगे इस तरह से बिरसा बुलाकर हिरासत में लिया गया। सभी आरोपित लांजी क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के है। इनके विरूद्ध वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश कर जेल भिजवा दिया गया है।
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