इस राज्य में जाम छलकाना होगा महंगा, राज्य सरकार ने बढ़ाया टैक्स; जेब पर कितना बढ़ेगा बोझ?
मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे शराब की कीमतों में इजाफा हो जाएगा। इसके साथ ही आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शराब निर्माता कंपनी मनमाने तरीके से शराब का मूल्य नहीं बढ़ा सकेंगी। वर्तमान वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है।
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में जाम छलकाने वालों को राज्य सरकार झटका दिया है। राज्य की मोहन सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे शराब के बाजार मूल्य में भी 10 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी।
उदाहरण के लिए शराब पर वैट 350 रुपये प्रूफ लीटर था, 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करने पर यह 385 रुपये प्रूफ लीटर हो जाएगा। बता दें कि एक लीटर के बराबर एक प्रूफ लीटर होता है।
शराब कंपनियों पर भी नकेल कसने की तैयारी
इधर, वैट बढ़ाने के साथ ही आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शराब निर्माता कंपनी मनमाने तरीके से शराब का मूल्य नहीं बढ़ा सकेंगी।
दरअसल, शराब निर्माता कंपनी का तर्क होता है कि उनकी शराब विभिन्न राज्यों में विक्रय की जाती है। ऐसे में दूसरे राज्यों से तुलना कर शराब की कीमत में वृद्धि की जाती है लेकिन अब शराब की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और (एमआरपी) मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में शराब पर वैट और कीमत की तुलना कर, जो राज्य के अनुकूल होगा उसके आधार पर ही शराब का मूल्य तय किया जाएगा।
शराब के ठेकों की ई टेंडरिंग और बिड से होगी नीलामी
मध्य प्रदेश में 21 जिलों में शराब ठेकों की 100 प्रतिशत नीलामी की जा चुकी है। 81 समूहों ने शराब के ठेके उठाए हैं। अब 31 जिलों में शराब के ठेके होना है। नीलामी की प्रक्रिया के बावजूद जबलपुर, दमोह सहित अन्य जिलों में ठेके नहीं उठ पा रहे हैं। यहां ई टेंडरिरंग और बिडिंग से नीलामी की जाएगी।
15 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य
वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है। इसमें से 12500 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। इस माह यह लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके मुकाबले वर्ष 2025-26 के लिए किए गए शराब ठेकों के समूहों की नीलामी से 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने की उम्मीद है।
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