कवि Kumar Vishwas ने वक्तव्य से मचे बवाल के बाद मांगी माफी, सफाई देते हुए कही ये बात...
कुमार विश्वास ने अपनी रामकथा के दौरान एक वक्तव्य को को लेकर काफी बवाल मच गया है। इसके बाद दूसरी रामकथा की शुरुआत उन्होंने माफी के साथ की और कहा कि जब कोई आपको परिवार के खिलाफ भड़काता है तो उससे दूर हो जाओ।

उज्जैन, ऑनलाइन डेस्क। मंगलवार को कालिदास अकादमी में राम विषय पर बोलते हुए आरएसएस को अनपढ़ बोलने से मचे बवाल पर बुधवार को कवि कुमार विश्वास ने रामकथा की शुरुआत करने से पहले क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि मेरे माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा के लिए लड़ने वाले जो युवा तैयार हो रहे हैं, उनका मनोबल कमजोर न करें। उन्होंने कहा कि रामकथा में लोग अपने मन का विकार दूर करने आते हैं, तो यहां आए हैं तो अपना मन का विकार दूर करें।
परिवार के खिलाफ करने वाले को खुद से दूर करे
अपने रामकथा की शुरुआत में कवि कुमार विश्वास ने कहा कि कथा में मन का विकार दूर करके बैठे। उन्होंने कहा कि राम किसी धर्म के नहीं हैं, वे पूरे विश्व के हैं। मंथरा ही कैकयी की मति मलिन की थी। अगर बाहर का कोई कहे कि आपके परिवार का कोई आपके खिलाफ है, तो परिवार में कोई अपने खिलाफ नहीं है, वह बाहर वाला आपके खिलाफ है, उसे खुद से दूर कर दो।
'सनातन संस्कृति में प्रश्न भी किए जाते हैं'
बीते हजार वर्षों में सनातन संस्कृति के नुकसान पर उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि हजारों वर्षों में लोग सनातन पर आक्रमण करते रहे और हम परास्त होते रहे। इसका कारण यह है कि हमारे अपने लोग ही ऐसे थे, जो दूसरों के लिए दरवाजे खोल देते थे। यहां तो कुछ संस्कृति ऐसी है कि वहां प्रश्न किया जाए तो गला काट देते हैं। हमारे सनातन संस्कृति में प्रश्न भी किए जाते हैं।
साथ ही, उन्होंने सनातम धर्म में भगवान हनुमान की कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि विदेश की एक कथा है कि दो लोगों ने फल देखा और खा लिया, तो उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया गया और हमारे यहां एक बच्चा सूर्य को फल समझ कर खा लेते हैं तो किसी ने उन्हें कोई श्राप नहीं दिया। हमारे यहां महर्षि अगस्त्य ने बिजली बनाई, ऋषि कणाद ने परमाणु के बारे में बताया। वहीं, उन्होंने श्रीरामचरितमानस के विषय पर उठे विवाद पर कहा कि श्रीरामचरितमानस का नाम तो शिव ने दिया था।
अनजान युवा को दी थी हिम्मत
उन्होंने एक युवा के बारे में बताते हुए कहा कि उनसे एक युवा मिलने आया था, जिसका कोरोना के कारण सब कुछ बर्बाद हो गया। उस ने बताया कि उसका कामधंधा बंद हो गया, माता का निधन हो गया, पत्नी छोड़कर चली गई और एक बेटा है, जिसे अकेला पाल रहा है, टूट गया है, क्या करें? इस युवा का ढांढ़स बांधते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि बिना टूटे विकास नहीं होता। गर्भ का शिशु जब तक गर्भ नाल से टूटता है तभी वह बड़ा होना शुरू होता है। बादल टूटते हैं तो खेत लहलहाते हैं। परमाणु टूटता है तो बिजली भी बनती है और बंब भी बनता है। अगर वह टूटा है तो ईश्वर ने उसे कुछ नया करने के लिए चुना है।
सुरक्षा व्यवस्था में थी सख्ती
कुमार विश्वास के विवादास्पद बयान का वीडियो वायरल होने के बाद बावल मच गया था, जिसके कारण कालिदास अकादमी के बाहर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी। किसी भी व्यक्ति को पास के बिना प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था, अनावश्यक लोगों को अंदर प्रवेश नहीं दिया गया था।
दरअसल, कुमार विश्वास ने अपने कथा के दौरान एक बच्चे का उदाहरण देते हुए कह दिया था कि वामपंथी कूपढ़ हैं और दक्षिणपंथी अनपढ़ है। हालांकि, कवि कुमार विश्वास ने बाद में एक वीडियो शेयर कर अपनी बयान को साफ करने की कोशिश की है। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है।
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