Madhya Pradesh: विधानसभा चुनाव से पहले ही सीएम फेस को लेकर भिड़े कांग्रेस नेता, कैसे जीत पाएंगे 2023 का रण?
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले कमलनाथ को मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताने को लेकर पार्टी के दो नेता आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिली।
भोपाल, जागरण डेस्क। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ को पहली पसंद बताने को लेकर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भिड़ गए।
गोविंद सिंह और सज्जन सिंह वर्मा के बीच जुबानी जंग
विधानसभा में विपक्ष के नेता गोविंद सिंह और कमलनाथ के वफादार विधायक सज्जन सिंह वर्मा के बीच जुबानी जंग 29 मई को दिल्ली में मध्य प्रदेश चुनाव की तैयारियों पर एक बैठक के बाद हुई, जिसमें पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने भाग लिया। बैठक में शामिल होने के बाद गोविंद सिंह ने कहा था,
कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है। पहले से सीएम चेहरे की घोषणा करना कांग्रेस की परंपरा नहीं है। जनता विधायकों का चुनाव करेगी, जो आगे सीएम चुनेंगे।
सज्जन सिंह वर्मा ने पलटवार करते हुए कहा,
गोविंद सिंह जी कभी-कभी भूल जाते हैं कि क्या विधायकों ने उन्हें विपक्ष का नेता चुना है? नहीं, उन्हें विधायकों ने नहीं चुना था। वह वरिष्ठ थे इसलिए हम भी विपक्ष के नेता के रूप में उनकी नियुक्ति पर सहमत हुए।
'कमलनाथ को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं लोग'
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश के लोग और पार्टी के नेता कमलनाथ को राज्य के सीएम के रूप में चाहते हैं। इसलिए गोविंद सिंह को उस तरह से व्यवहार करना चाहिए, जैसे वह दूसरों से अपेक्षा करते हैं।
राहुल गांधी की बैठक में शामिल सभी 22 सदस्यों ने कमलनाथ को अपना नेता स्वीकार किया था। यह रिकॉर्ड में है। सभी नेताओं ने स्वीकार किया कि 2023 के चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़े जाएंगे।
सज्जन सिंह वर्मा बोले- मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया
इस बीच, रविवार को सज्जन सिंह वर्मा ने एक वीडियो बयान जारी कर दावा किया कि मीडिया ने उनकी टिप्पणी की गलत व्याख्या की है। उन्होंने कहा, "यह सच है कि सभी वरिष्ठ नेताओं ने कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। मैंने कई बार कहा है कि वह हमारी पार्टी के नेता हैं।" हालांकि, गोविंद सिंह ने कहा कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है।