MP News: महाकाल लोक कॉरिडोर के मूर्ति वाले मामले पर कांग्रेस करेगी हाई कोर्ट का रुख, न्यायिक जांच की होगी मांग
MP News महाकाल लोक कॉरिडोर में लगी सप्तऋषि की छह मूर्तियों के गिरकर टूट जाने को लेकर कांग्रेस हाई कोर्ट का रुख करेगी। कांग्रेस हाई कोर्ट में न्यायिक जांच के लिए याचिका दाखिल कर सकती है। एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात की जानकारी दी।
भोपाल, पीटीआई। कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने रविवार को कहा कि पार्टी उज्जैन में 'महाकाल लोक' गलियारे के सात में से छह 'सप्तऋषि' की मूर्तियों के गिरने की न्यायिक जांच की मांग के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। दरअसल, 28 मई को तेज हवाओं के चलते उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पास गलियारे में छह मूर्तियां गिर गईं।
अगले सप्ताह दाखिल हो सकती है याचिका
मध्य प्रदेश लोकायुक्त की एक तकनीकी टीम ने शनिवार को घटना की जांच शुरू की। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए एक याचिका के साथ तैयार हैं। इसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं को आगे बढ़ने के लिए भेजा गया है। पूरी संभावना है कि हम इस आने वाले सप्ताह में याचिका दाखिल करने जा रहे हैं।'
'भ्रष्टाचार में भगवान को भी नहीं बख्शा'
कांग्रेस नेता ने कहा कि वे सिटिंग जज से घटना की न्यायिक जांच की मांग करेंगे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को निशाने पर लेगी, जिसने भगवान को भी नहीं बख्शा। नेता ने आरोप लगाया कि इस घटना से मूर्तियों की स्थापना और करोड़ों रुपये के कॉरिडोर में किए गए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
पीएम मोदी ने अक्टूबर में किया था उद्घाटन
महाकाल लोक कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था। 28 मई को मूर्तियों के ढहने की घटना के बाद, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने घटिया निर्माण की जांच की मांग की, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार में वो भगवान को भी नहीं बख्श रहे।
भाजपा ने आरोपों से किया इनकार
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है और इस घटना के लिए तेज हवाओं को जिम्मेदार ठहराया है। एक अधिकारी ने पहले कहा था कि एमपी लोकायुक्त (भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल) ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और अपनी तकनीकी शाखा से इसकी जांच करने को कहा है।
856 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा पूरा कॉरिडोर
कॉरिडोर की पूरी लागत 856 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण के 351 करोड़ रुपये शामिल हैं। 900 मीटर से अधिक लंबाई वाले इस गलियारे में जटिल रूप से नक्काशीदार सैंडस्टोन से बने लगभग 108 सौंदर्यपूर्ण अलंकृत स्तंभ हैं, जो भगवान शिव के नृत्य के एक रूप आनंद तांडव स्वरूप, 200 मूर्तियों और भित्ति चित्रों को दर्शाते हैं।