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    Diwali 2022: आज नरक चतुर्दशी के दिन करें यह छोटा सा काम, लंबी होगी उम्र, बीमारियां होंगी दूर

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 11:27 AM (IST)

    नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस की कैद से 16008 रानियों को मुक्त कराया था। आज के दिन कुछ सरल उपायों को अपनाकर इंसान अपने साथ-साथ पूरे परिवार के सदस्‍यों के लिए खुशियां ला सकता है।

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    आज नरक चतुर्दशी के दिन करें यह छोटा सा काम

    भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। देश भर में दिवाली को लेकर लोगों में उत्‍साह व उमंग है। सभी तैयारियों में जुटे हुए हैं। कुछ ऐसा ही मंजर मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में है। इस बार धनतेरस दो दिन मनाया जा रहा है। इसके पहले ही दिन शनिवार को शहर के घर-आंगन दीयों से जगमगा उठा हैं। पूजा की तैयारियां भी पूरी हो गई हैं। कल धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो गई है।

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    भगवान श्रीकृष्ण ने किया था नरकासुर वध

    रविवार को रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस की कैद से 16,008 रानियों को मुक्त कराया था। इस दिन को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन शाम को गोधूलि बेला में खरीदारी करना शुभ रहेगा। सोमवार को दिवाली है। 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण है। 26 अक्टूबर को अन्नकूट महोत्सव व 27 अक्टूबर को भाई दूज व यम द्वितीया पर्व मनाया जाएगा।

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    चतुर्मुखी दीपक से दूर होंगे सारे कष्‍ट

    रूप चतुर्दशी के मौके पर पंडित रामजीवन दुबे का कहना है कि इस दिन सुबह उबटन लगाकर जल में गंगा जल एवं अपामार्ग डालकर उस जल से स्नान करें। स्नान के बाद अपने पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से रूप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती है एवं व्यक्तित्व का विकास होता है। उन्होंने कहा कि यमराज की प्रसन्नता के लिए सांयकाल गोधूलि बेला में घर के द्वार से समीप दाहिनी ओर गेहूं की ढेरी रखकर चतुर्मुखी दीपक लगाएं। ऐसा करने से दीर्घायुश्वर व आरोग्य पूरे परिवार को प्राप्त होता है। रोग-कष्ट जैसे विकार दूर होंगे।

    गोधूलि बेला में करें बजरंग बली के दर्शन

    पंडित जगदीश शर्मा के मुताबिक रविवार को रूप चतुदर्शी में शाम को गोधूलि बेला में हनुमान जी का दर्शन करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

    भगवान वामन और राजा बलि का करें स्मरण

    रूप चौदस या नरक चतुर्दशी के दिन भगवान वामन और राजा बलि का स्मरण करना चाहिए। साथ ही उनकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में मां लक्ष्मी का स्थायी रूप में आगमन होता है।

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