Narak Chaturdashi 2022: नरक चतुर्दशी पर जलाएं 14 दीपक, जीवन में आएंगी खुशियां ही खुशियां
Narak Chaturdashi 2022 हिंदू धर्म में नरक चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहते हैं।इस दिन यम के नाम का दीपक जलाना शुभ होता है।

नई दिल्ली, Narak Chaturdashi 2022: दिवाली महापर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ हो जाती है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन भैया दूज के साथ होती है। धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को काफी खास माना जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस और छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं। हर साल दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार तिथियों के बदलाव के कारण दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस साल नरक चतुर्दशी 24 अक्टूबर को मनाई जा रही है। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण से नरकासुर नामक राक्षस का वध करके करीब 16 हजार महिलाओं को मुक्त किया था। इसी कारण इसे दीप जलाकर खुशियों के तौर में मनाया जाता है। इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव के लिए दीपक जलाकर सुख समृद्धि की कामना की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन अधिकतर लोग 5 दिए जलाते हैं।जिसमें से एक दीपक पूजा घर, दूसरा किचन, तीसरा पानी पीने वाले जगह, चौथा पीपल के पेड़ और पांचवा दिया मुख्य द्वार में जलाना शुभ होता है। लेकिन आप चाहे तो 5 की जगह 7, 13 या फिर 14 दीपक भी जला सकते हैं। जानिए किन-किन जगहों पर इन दीपकों को जलाना चाहिए शुभ होगा।
नरक चतुर्दशी में ऐसे रखें दीपक
- पहला दीपक सरसों के तेल का रात को दक्षिण दिशा की ओर मुख किए हुए जलाना चाहिए। ये दीपक यम के लिए होता है।
- दूसरा घी का दीपक सुनसान देवालय में जलाना चाहिए। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- शास्त्रों के अनुसार, तीसरा दीपक मां लक्ष्मी के सामने जलाना चाहिए।
- चौथा दीपक तुलसी के पौधे के पास जलाना चाहिए।
- पांचवा दीपक घर के मुख्य दरवाजे के बाहर जलाना शुभ माना जाता है।
- छठा दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए। इससे रोग-दोष और भय से निजात मिलती है।
- सातवां दीपक किसी मंदिर में जाकर जलाना चाहिए।
- आठवां दीपक कूड़े के पास जलाना चाहिए।
- नौवा दीपक बाथरूम में जलाना चाहिए।
- दसवां दीपक छत में रखना चाहिए।
- ग्यारहवां दीपक छत में ही आगे की ओर रखना चाहिए।
- बाहरवा्ं दीपक घर की नाली के पास रखना चाहिए।
- तेरहवां दीपक किचन में रखना चाहिए।
- चौदहवां दीपक घर की सीढ़ियों में रखना शुभ माना जाता है।
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