सार्थक एप से लगाई फर्जी हाजिरी, 13 डॉक्टरों का कटेगा वेतन, 25 को नोटिस और एक की बर्खास्तगी तय
भोपाल में सार्थक एप के माध्यम से फर्जी हाजिरी लगाने वाले डॉक्टरों पर सीएमएचओ कार्यालय ने सख्त कार्रवाई की है। 13 डॉक्टरों का वेतन काटा गया है, 25 को क ...और पढ़ें

सार्थक पर डॉक्टरों की ऑनलाइन उपस्थिति (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी के मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों में पदस्थ डाक्टरों द्वारा 'सार्थक एप' में सेंध लगाकर फर्जी हाजिरी लगाने के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय ने कार्रवाई की है। सीएमएचओ डा. मनीष शर्मा ने 13 डाक्टरों का वेतन काटने, और एक डाक्टर को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। 25 डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है।
कटेगी सैलरी, भेजा नोटिस
सीएमएचओ डा. मनीष शर्मा ने बताया कि रिकार्ड खंगालने के बाद डा. सिराज अली, डा. प्रशांत मेहरा, डा. दीप्ति, डा. अयमान खान, डा. नूपुर साहू सहित 13 डाक्टरों की सात दिन से लेकर एक माह तक की सैलरी काटने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, डा. स्मिता लाड, डा. श्रुति सक्सेना और डा. अमितेश तोमर सहित 25 अन्य डाक्टरों को अनियमितता पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बता दें कि 'सार्थक एप' के जरिये चल रहे इस खेल का खुलासा तब हुआ, जब सीएमएचओ कार्यालय ने डेटा की बारीकी से समीक्षा की। जांच में पाया गया कि डाक्टर क्लीनिक से सैकड़ो किलोमीटर दूर रहकर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे।
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इस फर्जीवाड़े का पहला मामला गौतम नगर स्थित संजीवनी क्लीनिक के डा. संजीव सिंह का है। जांच में खुलासा हुआ कि डा. सिंह अपने कार्यस्थल से लगभग 500 किलोमीटर दूर रहते हुए भी एप पर हाजिरी लगा रहे थे। इतना ही नहीं, उनकी रोजाना की अटेंडेंस भी क्लीनिक से 11 किलोमीटर दूर की लोकेशन से दर्ज हो रही थी। यानी डाक्टर साहब क्लीनिक आए बिना ही कागजों पर ड्यूटी बजा रहे थे।
एक आईडी, अनेक चेहरे, डा. मिन्हाज पर गिरेगी गाज
दूसरा मामला बाग मुगालिया क्लीनिक का है जो और भी चौंकाने वाला है। यहां पदस्थ डा. मिन्हाज की आइडी से सार्थक एप पर जो फोटो अपलोड किए गए, उनमें अलग-अलग लोगों के चेहरे दिखाई दिए। स्पष्ट है कि डाक्टर की जगह कोई और फोटो खिंचवाकर हाजिरी लगा रहा था। डा. मिन्हाज को अब तक नौ नोटिस दिए गए, लेकिन एक का भी जवाब न मिलने पर उन्हें बर्खास्त करने की फाइल एनएचएम कार्यालय भेज दी गई है।
नियम विरुद्ध उपस्थिति केवल कागजी हेराफेरी नहीं है, इसका सीधा नुकसान गरीब मरीजों को उठाना पड़ता है जो इलाज की उम्मीद में क्लीनिक पहुंचते हैं। डिजिटल सिस्टम के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- डा. मनीष शर्मा, सीएमएचओ, भोपाल।

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