Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व जनरल जासूसी मामले में रिहा, 14 साल की मिली थी सजा

Pakistan News नए सैन्‍य ने जनरल जावेद इकबाल पर लगे सार आरोपों को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने उन्‍हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। 30 मई 2019 को कोर्ट मार्शल के जरिए उन्‍हें 14 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी।

By Edited By: Publish:Mon, 09 Jan 2023 04:11 PM (IST) Updated:Mon, 09 Jan 2023 04:11 PM (IST)
Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व जनरल जासूसी मामले में रिहा, 14 साल की मिली थी सजा
पाकिस्तान के पूर्व जनरल जासूसी मामले में रिहा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक पूर्व जनरल को गुप्त सूचनाएं विदेशी जासूसों को देने के आरोप से बरी कर दिया गया है। उन्हें बरी करते हुए जेल से रिहा करने का यह फैसला नए सैन्य नेतृत्व द्वारा लिया गया है। हालांकि खबरों के मुताबिक वे खुद को दोषी ठहराने वाले आर्मी ट्रिब्यूनल द्वारा के फैसले को चुनौती देना जारी रखेंगे। उनके वकील के मुताबिक वे चाहते हैं कि उन्हें सम्मानजनक तरीके से रिहा किया जाए।

मिली थी 14 साल की सजा

रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल को 29 दिसंबर 2022 को रावलपिंडी की आदीयाला जेल से रिहा कर दिया गया था। उनके वकील उमर फारुक अदम कहते हैं कि पर्ववर्ती आदेश में उनके साथ हुए अन्याय को समझते हुए नए सैन्य नेतृत्व ने यह फैसला लिया। जनरल इकबाल को 30 मई 2019 को फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिए 14 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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पाकिस्तान में इस तरह का यह पहला मामला था। उन्हें खूफिया जानकारी विदेशी जासूसों को उपलब्ध करवाने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया गया था। लेकिन चार साल बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया। जनरल इकबाल को इस साल 29 मई को रिहा किया जाना था लेकिन नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने उनकी सजा पूरी तरह से समाप्त करते हुए उन्हें रिहाई दे दी।

अमेरिकी लोगों से करीबी रिश्ते बने वजह

जनरल इकबाल को सजा सुनाए जाने के दौरान आर्मी ने उन सूचनाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी जिन्हें लीक करने का आरोप उनपर लगाया गया था। इकबाल की परेशानियां अमेरिकी लोगों के साथ उनके करीबी रिश्तों के कारण बढ़ी थीं। उन्हें दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था।

जांच के बाद उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट की धारा 3 और आर्मी एक्ट की धारा 59 के तहत आरोपी बनाया गया था। उन पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के काम करने के तरीकों और अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी विदेशी जासूसों को उपलब्ध करवाई थी।

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