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    Nepal: नेपाल में संसद का नया सत्र 9 जनवरी से, प्रधानमंत्री प्रचंड के विश्वास मत पर होगी चर्चा

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Mon, 09 Jan 2023 12:35 PM (IST)

    Nepal first Parliament session प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की नियुक्ति के बाद नेपाल का पहला संसद सत्र सोमवार को शुरू होगा। इस दौरान अध्यक्ष और प्रतिनिधिसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सत्र में प्रधानमंत्री प्रचंड के विश्वास मत पर भी चर्चा होगी।

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    Nepal: प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के बाद आज से शुरू हो रहा है नेपाल का पहला संसद सत्र

    काठमांडू, एजेंसी। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' की नियुक्ति के बाद नेपाल का पहला संसद सत्र सोमवार को शुरू होगा। इस दौरान अध्यक्ष और प्रतिनिधिसभा के उपाध्यक्ष के चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सत्र में प्रधानमंत्री प्रचंड के विश्वास मत पर भी चर्चा होगी।

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    बैठक की अध्यक्षता करेंगे पशुपति शमशेर जेबी राणा

    द राइजिंग नेपाल अखबार के मुताबिक, पहली बैठक की अध्यक्षता सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य पशुपति शमशेर जेबी राणा करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आह्वान पर दोनों सदनों की बैठक सोमवार दोपहर एक बजे शुरू होगी। प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता संसद भवन में प्रतिनिधि सभा की पहली बैठक को संबोधित करेंगे।

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    चुनाव पूर्व के गठबंधन को छोड़ विपक्ष से मिलाया हाथ

    पिछले महीने, नेपाल की राष्ट्रपति भंडारी ने देश में 20 नवंबर को चुनाव होने के बाद 9 जनवरी को नई संसद का पहला सत्र बुलाया था। सीपीएन-माओवादी के 68 साल के नेता प्रचंड ने पिछले साल 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने नाटकीय रूप से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले चुनाव पूर्व गठबंधन को छोड़कर विपक्षी नेता केपी शर्मा ओली के साथ हाथ मिला लिया था।

    आज प्रचंड को साबित करना होगा बहुमत

    प्रचंड को प्रतिनिधि सभा के 169 सदस्यों के समर्थन से संविधान के अनुच्छेद 76 खंड 2 के अनुसार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। इस तरह के प्रावधान के जरिये नियुक्त एक प्रधानमंत्री को उनकी नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर विश्वास मत प्राप्त करना होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रचंड के विश्वास मत के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

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    स्पष्ट बहुमत के लिए प्रचंड को चाहिए 138 मत

    संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, पहली संसदीय बैठक के 15 दिनों के भीतर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री प्रचंड को सदन में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए 138 मतों की जरूरत होगी। उन्हें ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (CPN-UML) और नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) सहित सात पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।

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