रिटायर नौकरशाहों की मुख्य सूचना आयुक्त पद पर नियुक्ति क्यों: हार्इकोर्ट

हार्इकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेेश दिया है कि वो इस बात का हलफनामा पेश करें कि आखिर रिटायर नौकरशाहों की ही मुख्य सूचना आयुक्त पद पर नियुक्ति क्यों हो रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 12 Dec 2017 07:44 PM (IST) Updated:Tue, 12 Dec 2017 10:45 PM (IST)
रिटायर नौकरशाहों की मुख्य सूचना आयुक्त पद पर नियुक्ति क्यों: हार्इकोर्ट
रिटायर नौकरशाहों की मुख्य सूचना आयुक्त पद पर नियुक्ति क्यों: हार्इकोर्ट

नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल पूछा है कि मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर रिटायर्ड नौकरशाहों की नियुक्ति ही क्यों जाती है। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह की नियुक्ति को चुनौती देती जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 

हल्द्वानी निवासी चंद्रशेखर करगेती ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य में अब तक बने तीनों मुख्य सूचना आयुक्त रिटायर मुख्य सचिव रहे हैं। जबकि इस पद के लिए कई अन्य योग्य आवेदक भी थे। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि मुख्य सूचना आयुक्त पद पर सेवानिवृत्त नौकरशाहों की नियुक्ति ही क्यों की जा रही है। 

याचिका में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति को भी चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि जब आइएएस शत्रुघ्न सिंह मुख्य सचिव के पद पर थे तो उनके द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त के आदेशों का अनुपालन नहीं किया। जिससे साफ जाहिर होता है कि शत्रुघ्न सिंह मुख्य सूचना आयुक्त के पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखते थे। बाद में उन्हीं को मुख्य सूचना आयुक्त बना दिया, जो किसी भी लिहाज से इस महत्वपूर्ण पद के हित में नहीं है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ के समक्ष मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए आवेदनों से संबंधित रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किए गए। 

 यह भी पढ़ें: कैदियों की पैरोल अवधि सजा में शामिल करने की मांग

यह भी पढ़ें: जमरानी बांध मामला: हार्इकोर्ट ने उत्तराखंड-यूपी सरकार से मांगा जवाब

यह भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने बर्खास्त प्राध्यापक को बहाल करने के दिए आदेश

chat bot
आपका साथी