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आपस में लड़ रहे थे भाजपाई, प्रदेश अध्यक्ष ने दो विधायकों समेत पांच नेताओं को देहरादून बुलाकर सबसे पहले किया ये काम

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि इन मामलों को लेकर मीडिया में चल रही अनावश्यक चर्चा पर विराम लग गया है। उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान सभी ने स्वीकारा कि मुद्दे छोटे-छोटे थे लेकिन गलतफहमी के कारण ये मीडिया में बढ़चढ़कर सामने आए। सभी ने माना कि इन्हें आपस में बैठकर सुलझाया जा सकता था। अब चर्चा के बाद ये विषय समाप्त हो गए हैं।

By kedar dutt Edited By: Aysha Sheikh Published: Mon, 29 Apr 2024 09:48 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2024 09:48 AM (IST)
दो विधायकों समेत पांच भाजपा नेताओं को भाजपा की सख्त नसीहत

राज्य ब्यूरो, देहरादून। टिहरी और रानीखेत में कुछ पार्टी नेताओं के मध्य छिड़ी जुबानी जंग से असहज प्रदेश भाजपा ने दो विधायकों, एक दायित्वधारी, एक पूर्व मंत्री एवं एक प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य को सख्त नसीहत दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इन सभी को देहरादून बुलाकर उनके साथ अलग-अलग बैठक कर पक्ष जाना। साथ ही सभी को अनुशासन के दायरे में रहने को कहा। भट्ट के अनुसार सभी ने स्वीकारा कि कुछ गलतफहमी हुई थी, जिसे भविष्य में नहीं दोहराया जाएगा।

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रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल और राज्य सरकार में दायित्वधारी कैलाश पंत के बीच मारपीट के एक प्रकरण को लेकर छिड़ा वाक युद्ध पिछले कई दिनों से सुर्खियां बना था। इधर, टिहरी में पार्टी विधायक किशोर उपाध्याय और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दिनेश धनै के मध्य टीएचडीसी में ठेकों को लेकर वार-पलटवार चल रहा था। यही नहीं, टिहरी से ही पार्टी प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य खेम सिंह चौहान की इंटरनेट मीडिया की गई पोस्ट चर्चा का विषय बनी हुई थी।

विपक्ष तुरंत हुआ एक्टिव

ऐसे में विपक्ष ने भाजपा नेताओं के बीच वार-प्रतिवार के मुद्दे को लपकने में देर नहीं लगाई और भाजपा के आंतरिक लोकतंत्र को लेकर प्रश्न खड़े किए। इससे असहज हुई भाजपा ने अपने नेताओं की बयानबाजी को गंभीरता से लेते हुए दोनों विधायकों समेत पांचों नेताओं को अपना पक्ष रखने के लिए देहरादून बुलाया। रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इन सभी के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। सभी ने अपना पक्ष प्रदेश अध्यक्ष के सम्मुख रखा।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि इन मामलों को लेकर मीडिया में चल रही अनावश्यक चर्चा पर विराम लग गया है। उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान सभी ने स्वीकारा कि मुद्दे छोटे-छोटे थे, लेकिन गलतफहमी के कारण ये मीडिया में बढ़चढ़कर सामने आए। सभी ने माना कि इन्हें आपस में बैठकर सुलझाया जा सकता था। अब चर्चा के बाद ये विषय समाप्त हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि पांचों नेताओं को साफ किया गया है कि वे अपने विषय को पार्टी प्लेटफार्म पर रखें। सभी को अनुशासन के दायरे में रहकर ही जिम्मेदारी का निर्वहन करना है। पार्टी संगठन में कोई व्यक्ति नया हो या पुराना, किसी तरह की सार्वजनिक बयानबाजी से बचते हुए सभी को पार्टी नियमों के तहत ही अपनी बात को रखना है। उन्होंने कहा कि अनुशासन के निर्देश प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए हैं, जिसका हम सबको पालन करना है।


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