उत्तराखंड में 63 केवीए ट्रांसफर से जुड़ेगा सोलर प्लांट, एक समान रहेगी बिजली की दर

सीएम सौर स्वरोजगार योजना में सिर्फ 25 किलोवाट की परियोजनाएं लगाई जाएंगी। इस परियोजना से उत्पादित बिजली को 63 केवीए ट्रांसफार्मर के जरिए ऊर्जा निगम के ग्रिड से जोड़ा जाएगा।

By Edited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 10:20 PM (IST)
उत्तराखंड में 63 केवीए ट्रांसफर से जुड़ेगा सोलर प्लांट, एक समान रहेगी बिजली की दर
उत्तराखंड में 63 केवीए ट्रांसफर से जुड़ेगा सोलर प्लांट, एक समान रहेगी बिजली की दर

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में सिर्फ 25 किलोवाट की परियोजनाएं लगाई जाएंगी। इस परियोजना से उत्पादित बिजली को 63 केवीए ट्रांसफार्मर के जरिए ऊर्जा निगम के ग्रिड से जोड़ा जाएगा। पूरे प्रदेश में इससे बिजली की दर एक समान रहेगी। उत्तराखंड में केंद्र की ओर से प्रारंभ की गई कई सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के साथ राज्य सरकार भी इन योजनाओं के लिए प्रोत्साहन पैकेज दिया जा रहा है। इस कड़ी में सोलर प्लांट लगाने की योजना को मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जोड़ा गया है। यह महत्वाकांक्षी योजना परवान चढ़ी तो उत्तराखंड राज्य ऊर्जा को लेकर अपनी जरूरतों को लेकर आत्मनिर्भर हो जाएगा। साथ ही इसके जरिये बड़े पैमाने पर स्थानीय युवाओं, प्रवासियों और लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिल सकेंगे। 

ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि इस योजना के तहत व्यक्ति 400 वर्गमीटर जमीन पर सोलर प्लांट की स्थापना कर सकेगा। पहले विभाग ने 25 से 75 किलोवाट के सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था। तकनीकी दिक्कतें देखते हुए इस प्रस्ताव में तब्दीली की गई। अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग क्षमता के सोलर प्लांट लगने से इन्हें ग्रिड से जोड़े में ऊर्जा निगम को परेशानी पेश आना तय है। लिहाजा, प्रदेश में सिर्फ 25 किलोवाट के ही सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। 

ऋण पर मंथन कर रहा सहकारिता 

इस योजना के लिए तकरीबन 10 लाख की पूंजी की दरकार होगी। इसमें से करीब दो लाख रुपये सब्सिडी होगी। शेष आठ लाख में से एक लाख राशि ही चयनित आवेदक को जमा करनी होगी। शेष सात लाख की धनराशि को सहकारिता विभाग ऋण के रूप में देगा। इस धनराशि पर कितना ब्याज लिया जाए, सहकारिता विभाग इस पर मंथन कर रहा है। सरकार भी आवेदक के साथ योजना के क्रियान्वयन को लेकर तकरीबन 25 वर्ष के लिए करार करेगी। आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

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कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव 

ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि इस योजना में आवेदन को दिए जाने वाले लाभों पर तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह सहमति बनी है कि सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली दरों के लिए बिडिंग नहीं कराई जाएगी। इसे एक समान रखा जाएगा। फिलवक्त यह दर 4.49 रुपये प्रति यूनिट रखी गई है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को लेना है। इस योजना से लाभार्थी को सब खर्च निकालने के बाद सालाना 70 से 80 हजार रुपये की आमदनी होगी। सोलर प्लांट योजना के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।

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