उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलती है आध्यात्मिक ऊर्जा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड में आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। यही वजह है कि वो अक्सर यहां खिंचे चले आते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 07:20 PM (IST) Updated:Sun, 19 May 2019 08:03 AM (IST)
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलती है आध्यात्मिक ऊर्जा
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलती है आध्यात्मिक ऊर्जा

देहरादून, विकास गुसाईं। नैसर्गिक सौंदर्य परिपूर्ण उत्तराखंड की वादियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्सर खींच लाती हैं और यहां उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। तकरीबन दो माह तक चली चुनावी आपाधापी से निबटने के बाद नमो अपने आराध्य बाबा केदारनाथ के दर पर पहुंचे हैं। बाबा केदार के दर्शन के बाद उन्होंने ध्यान के लिए केदारनाथ से करीब डेढ़ किमी के फासले पर स्थित ध्यान गुफा को चुना। वह रात्रि विश्राम के लिए भी केदारपुरी में ही रुकेंगे। संभवत: यह पहला मौका है, जब किसी प्रधानमंत्री ने केदारनाथ में प्रवास किया। केदारनाथ के साथ ही उत्तराखंड से नमो के लगाव का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह राज्य के 14 वें दौरे पर यहां आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी का उत्तराखंड और खासकर केदारनाथ की कंदराओं से दशकों पुराना नाता रहा है। तकरीबन 33 साल पहले उन्होंने केदारनाथ के नजदीक गरुड़चट्टी में साधना की थी। इसके बाद से वह निरंतर उत्तराखंड और केदारनाथ आ रहे हैं। वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान नमो उत्तराखंड आए थे, तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने राज्य में चार स्थानों पर जनसभाएं की।

प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने उत्तराखंड के प्रति अपना विशेष स्नेह प्रदर्शित किया। केदारनाथ का पुनर्निर्माण और चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले 11 सितंबर 2015 को वह निजी दौरे पर ऋषिकेश के दयानंद आश्रम आए और अपने गुरु स्वामी दयानंद गिरी से मुलाकात की। 27 दिसंबर 2016 में उन्होंने देहरादून में चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना की आधारशिला रखी।

उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के दौरान 2017 में प्रधानमंत्री ने तीन दिन में चार स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित किया। तीन मई 2017 को केदारनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर वह मौजूद रहे। पांच अक्टूबर को वह मसूरी में लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी आए। 20 अक्टूबर को केदारनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर भी प्रधानमंत्री पहुंचे और पुनर्निर्माण से जुड़ी कई योजनाओं की शुरूआत की। 26 व 27 अक्टूबर को उन्होंने दो दिन लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षु आइएएस के साथ बिताए।

जून 2018 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम के लिए देहरादून का चयन किया। इसके बाद अक्टूबर में उन्होंने देहरादून में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ भी किया। सात नवंबर को वह दीपावली के अवसर पर केदारनाथ धाम पहुंचे और यहां पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। 

इस वर्ष 14 फरवरी को वह उत्तराखंड के कार्बेट रिजर्व पहुंचे। तब उन्हें रुद्रपुर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेना था, मगर मौसम की खराबी के कारण वहां नहीं जा पाए थे। इसके बाद उन्होंने 28 मार्च को रुद्रपुर और पांच अप्रैल को देहरादून में जनसभा की। पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री इस बार 14 वीं बार उत्तराखंड आए हैं। संभवत: इससे पहले देश के किसी प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इतने दौरे नहीं किए हैं।

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