मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन इसी वर्ष स्वीकृत करने का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष में करने का अनुरोध किया।

By Edited By: Publish:Mon, 17 Jun 2019 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 12:55 PM (IST)
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन इसी वर्ष स्वीकृत करने का किया अनुरोध
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री से टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन इसी वर्ष स्वीकृत करने का किया अनुरोध

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष में करने का अनुरोध किया। उन्होंने दिल्ली व हल्द्वानी के मध्य एक विशेष रेलगाड़ी व देहरादून से काठगोदाम के लिए सुबह के समय एक शताब्दी या जनशताब्दी प्रारंभ करने के साथ ही रुड़की-देवबंद परियोजना के अवशेष कार्यों का वित्त पोषण रेल मंत्रालय से किए जाने का भी आग्रह किया।

सोमवार को नई दिल्ली में रेल मंत्री से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर नई रेल लाईन एक महत्वपूर्ण प्रस्तावित रेल परियोजना है। कुमाऊं के सामाजिक व आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तेज करने, पर्यटक स्थलों का विकास व स्थानीय संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना अति आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रेल मंत्री को जानकारी दी कि देहरादून व कुमाऊं क्षेत्र, जिसका अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, के मध्य वर्तमान में सुबह व दोपहर के समय कोई भी सीधी रेल सेवा नहीं है। इसलिए देहरादून से हल्द्वानी या काठगोदाम के बीच सुबह पांच से छह बजे के बीच एक शताब्दी या जनशताब्दी सेवा तुरंत प्रारंभ की जानी चाहिए। उन्होंने दिल्ली व हल्द्वानी के मध्य एक विशेष रेल सेवा शुरू करने की भी पैरवी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में रेल मंत्रालय द्वारा रुड़की-देवबंद परियोजना की लागत 791.39 करोड़ रुपये पुनर्निधारित की गई है। इस रेल परियोजना की लागत का वहन रेल मंत्रालय व उत्तराखंड के मध्य 50:50 के अंशदान में किए जाने पर सहमति प्रदान की गई थी। इस परियोजना की कुल लंबाई 27.45 किमी है। इस रेल लाईन के निर्माण से यात्रियों के समय की बचत होगी और यातायात सुगम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में परियोजना की कुल लागत 791.39 करोड़ रुपये है। इसके सापेक्ष उत्तराखंड द्वारा 240 करोड़ रुपये का अंशदान परियोजना में किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए रुड़की-देवबंद परियोजना में उत्तराखंड द्वारा वर्तमान तक दिए गए अंशदान को पर्याप्त मानते हुए प्रोजेक्ट के अवशेष कार्यों का वित पोषण रेल मंत्रालय  से करवाया जाए।  

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