क्रूर तरीके से दो मासूमों की हत्या करने वाले को फांसी की सजा
निर्ममता से दो मासूम बच्चों की गला काटकर हत्या में दोषी राजेश मांझी को कानपुर के अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति कुमार ने मृत्युदंड की सजा सुनाई।
कानपुर (जेएनएन)। निर्ममता से दो मासूम बच्चों की गला काटकर हत्या में दोषी राजेश मांझी को अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई। सरसैया घाट के जनाना घाट निवासी टिंकू पाल के दो पुत्रों के हत्यारे पड़ोसी राजेश मांझी को 15 सितंबर को न्यायालय ने दोषी करार दिया था।
अपने निर्णय में न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त द्वारा पूरे समाज के लिए खतरा उत्पन्न किया गया जैसा कि साक्ष्य में आया है। यदि तीसरा पुत्र शोर नहीं मचाता और थोड़ा बड़ा होने के कारण न भागता तो पाशविकता का शिकार हो सकता था।
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साक्ष्य में आया है कि घटना के समय आसपास भय का वातावरण बन गया था। लोगों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए थे। इस तरह से अभियुक्त वादी के शेष बचे परिवार और समाज के लिए खतरा है। उसने पाशविक, अत्यंत क्रूर व राक्षसी परिस्थितियों में वीभत्स तरीके से एक के बाद एक दोनों अबोध बालकों की धारदार हथियार चाकू से गला काटकर निर्मम व जघन्य हत्या की है जो विरलतम से विरलतम श्रेणी में आता है। अभियुक्त को मृत्युदंड देने के अतिरिक्त अन्य कोई वैकल्पिक परिस्थिति प्रकट नहीं होती है। उसे फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक मृत्यु न हो जाए। निर्णय के बाद न्यायाधीश ने कलम तोड़ दी।
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शासकीय अधिवक्ता राजेश्वर तिवारी ने बताया कि निर्णय की पुष्टि के लिए न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट भेजा जाएगा। राजेश के पास उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का वक्त है। अपील नहीं करने की स्थिति में उसकी फांसी का समय तय किया जाएगा। सजा सुनाए जाने के बाद राजेश को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।