Ghaziabad Fire: कूलिंग टावर बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग, धमाके के साथ 1000 से ज्यादा केमिकल के ड्रम फटे
Ghaziabad Fire औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित एनवायर्नमेंट इन्फॉर्मेशन बोर्ड पहाड़पुर कूलिंग टावर्स लिमिटेड फैक्ट्री में रविवार रात साढ़े नौ बजे आग लग गई। फैक्ट्री में हजारों केमिकल से भरे ड्रम रखे थे। देर रात टी ड्रम धमाके के साथ फटते रहे। कई किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनाई देती रही। अग्निशमन विभाग की टीम आग बुझाने में जुटी रही।
हसीन शाहजहां, गाजियाबाद। औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित एनवायर्नमेंट इन्फॉर्मेशन बोर्ड पहाड़पुर कूलिंग टावर्स लिमिटेड फैक्ट्री में रविवार रात साढ़े नौ बजे आग लग गई। फैक्ट्री में हजारों केमिकल से भरे ड्रम रखे थे। देर रात टी ड्रम धमाके के साथ फटते रहे। कई किलोमीटर तक धमाके की आवाज सुनाई देती रही। अग्निशमन विभाग की टीम आग बुझाने में जुटी रही। देर रात तक आग में किसी के फंसे होने की पुलिस और अग्निशमन विभाग ने पुष्टि नहीं की।
औद्योगिक क्षेत्र साइट चार की भूखंड संख्या नौ पर फैक्ट्री लगभग 14 एकड़ में बनी है। इस फैक्ट्री में लगभग 700 से ज्यादा लोग काम करते हैं। फैक्ट्री में चार प्लांट लगे हैं। प्लांटो में कूलिंग टावर के अलग-अलग पार्ट्स बनते हैं। फाइबर की सीट भी बनती हैं। फाइबर की सीट भी कूलिंग टावर में लगती है।
फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में केमिकल का प्रयोग होता है। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण फैक्ट्री के तीन प्लांट बंद थे। एक प्लांट में काम चल रहा था। जिस वजह से फैक्ट्री में ज्यादा संख्या में कर्मचारी नहीं थे। आग लगने पर सभी कर्मचारी बाहर आ गए। रविवार रात लगभग 9:30 बजे फैक्ट्री के बंद प्लांट में एक जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई।
फैक्ट्री में तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने पहले खुद ही आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन केमिकल और ज्वलनशील समान अधिक मात्रा में होने की वजह से आग बुझाने की बजाय तेजी से फैलती चली गई। इसकी सूचना तुरंत अग्निशमन विभाग को दी गई। 20 मिनट बाद अग्निशमन की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझानी शुरू की। देर रात तक आग बुझाने का काम जारी रहा। फैक्ट्री के साइट इंचार्ज संजय गर्ग ने बताया कि आग लगने का कारण नहीं पता पता चला है। अनुमान है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है।
आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी
फैक्ट्री में ज्वलनशील सामान और केमिकल का इस्तेमाल होने के बाद भी आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी थे। फैक्ट्री में आग बुझाने के ठोस इंतजाम नहीं किए गए। यदि आग बुझाने के पुख्ता इंतजाम होते तो तुरंत ही आग पर काबू पाया जा सकता था।
केमिकल पर पानी का हुआ कम असर
फैक्ट्री में बड़ी संख्या में केमिकल से भरे ड्रम रखे हुए हैं। इनमें लग रही आग को बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग की टीम में पानी का प्रयोग किया लेकिन केमिकल पर पानी का असर बहुत कम हुआ। जिस वजह से आग बुझाने में मुश्किल हुई।
आग बुझाने में मदद करने के लिए दौड़ पड़े कर्मचारी फैक्ट्री के सामने ही महाराजपुर गांव है। इस गांव में बड़ी संख्या में इस फैक्ट्री में काम करने वाले कामगार रहते हैं। आग लगने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में कामगार फैक्ट्री पहुंच गए। कामगारों ने आग बुझाने में मदद की। जो सामान जला नहीं था उसे अलग करने के लिए जुट गए। बिना जले सामान को फैक्ट्री से देर रात तक बाहर निकालने का काम जारी रहा।
बिना जले सामान को हटाया गया। आज को फैलने से रोकने के लिए बुलडोजर और अन्य वाहनों में बिना जले सामान को हटाया गया फैक्ट्री से सामान को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया। देर रात तक सामान शिफ्ट करने का काम जारी रहा।
क्या होता है कूलिंग टावर
कूलिंग टावर एक विशेष हीट एक्सचेंजर है। इसमें पानी का तापमान कम करने के लिए हवा और पानी को एक दूसरे के सीधे संपर्क में लाया जाता है। ऐसे कुछ पानी वाष्पित हो जाता है। जिससे टावर के माध्यम से प्रसारित होने वाले पानी का तापमान कम हो जाता है।