इस आश्रम में मिलता है पत्नियों से पीडि़त पतियों को आश्रय
अक्सर ही पति पीड़ित महिलाओं के मामले चर्चा में आते हैं, लेकिन आज पत्नी पीड़ित पतियों की संख्या भी कम नही है। इसके कई उदाहरण औरंगाबाद में पीड़ित पतियों के इस आश्रम में मिलेगें...
पत्नी के सताए हुए
जी हां यह पत्नी पीड़ित पतियों वाला यह शब्द सुनकर हो सकता आपको थोड़ा अजीब लग रहा हो, लेकिन यह हकीकत है। सिर्फ पतियों द्वारा पत्नियां ही नहीं सताई जाती हैं बल्कि पत्नियों द्वारा आज बड़ी संख्या में पति भी सताए जाते हैं। शायद इसीलिए पीड़ित पतियों के लिए औरंगाबाद में एक आश्रम खोला जा चुका है। जहां पर बड़ी संख्या में पीड़ित पति आते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इस आश्रम को खोलने वाले भारत फुलारे खुद भी पत्नी के सताए हुए हैं। इसी दर्द का अहसास कर उन्होंने समाज में अपने जैसे दूसरे भाईयों के लिए ये आश्रम खोला है।
दर्द समझ सकते
यहां पर सिर्फ पत्नी से प्रताड़ित पतियों को ही प्रवेश मिलता है। यह आश्रम करीब 1200 वर्गफीट जगह में बना हुआ है। यहां पर तीन कमरे और कौए की पूजा की जाती है। इसके अलावा यहां सिर्फ उसी पति को रखा जाता है जिस पर उसकी पत्नी ने करीब 20 मामले दर्ज कराए हों। वहीं वह खाना बनाने के साथ अपना खर्च उठाने में सक्षम हो। इस संबंध में आश्रम के फाउंडर भारत फुलारे का कहना है कि वह ऐसे लोगों का दर्द अच्छे से समझ सकते हैं। उनकी पत्नी ने खुद उनके खिलाफ 147 केस दर्ज कराए हैं। जिसके चलते उन्हें लंबे समय तक कानूनी लड़ाई में भटकना पड़ा था।
पुरुष अधिकार दिवस
इसके बाद उन्होंने 19 नवंबर 2016 को पुरुष अधिकार दिवस पर इस आश्रम को खोला। आज यहां पर सप्ताह के हर आखिरी दिन यानी कि शनिवार को पुरुषों की काउंसिलिंग होने के साथ उन्हें कानूनी सलाह दी जाती है। यहां पुरुषों को तीन कैटेगरी में रखा जाता है। ससुरालवालों से पीड़ित पति जो डरकर सामने नहीं आता है उसे सी कैटेगरी में रखा जाता है। जो पत्नी से पीड़ित और समाज से डरते हैं उन्हें बी कैटेगरी में और जो बेधड़क अपनी परेशानी को सामने लाता है उसे ए कैटेगरी में रखा जाता है। जिसमें शनिवार को ए समूह के 46, बी समूह के 152 और सी समूह के 165 लोगों के मामले सुने जाते हैं। अब तक देश भर से करीब 500 से ज्यादा लोग काउंसलिंग के लिए यहां आ चुके हैं।