राष्ट्रपति चुनावः कोविंद ने दाखिल किया नामांकन, कहा- संविधान सर्वोपरि

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद सुबह 10.30 बजे 10 अकबर रोड से निकलकर संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में पहुचें।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Fri, 23 Jun 2017 07:22 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jun 2017 07:04 AM (IST)
राष्ट्रपति चुनावः कोविंद ने दाखिल किया नामांकन, कहा- संविधान सर्वोपरि
राष्ट्रपति चुनावः कोविंद ने दाखिल किया नामांकन, कहा- संविधान सर्वोपरि

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व लगभग डेढ़ दर्जन मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। लगभग 65 फीसद वोट को लेकर आश्वस्त कोविंद ने इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से भी समर्थन की अपील कर दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद दलगत राजनीति से उपर होता है और वह पद की मर्यादा के अनुरूप ही इसे राजनीति से अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। 25 जनवरी से राज्यों का दौरा शुरू होगा।

शुक्रवार की सुबह ही संसद परिसर में राजग सांसदों विधायकों व मुख्यमंत्रियों का हुजूम था। सहयोगी दल शिवसेना से जरूर कोई सदस्य मौजूद नहीं था। यह खबरें भी चलीं कि शिवसेना इसलिए नहीं आया क्योंकि उसे नामांकन के समय मौजूद रहने का आमंत्रण नहीं दिया गया था। बहरहाल, भाजपा ने इसे संवाद में चूक बताकर खारिज कर दिया। वैसे भी शिवसेना ने पहले ही समर्थन की घोषणा ही नहीं की है बल्कि नामांकन पत्र में दस्तखत भी किया है। बहरहाल, नामांकन जीत के उत्साह के साथ ही हुआ।

कोविंद के एक ओर प्रधानमंत्री थे तो दूसरी और शाह। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत भाजपा या राजग के ही नहीं बल्कि खेमे से बाहर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानिसामी भी मौजूद थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी समर्थन की घोषणा कर दी है। ऐसे में राजग उम्मीदवार कोविंद के समर्थन में 20 मुख्यमंत्री और 28 राजनीतिक दल खड़े हैं। ऐसे में यह दावा किया जा रहा है कि विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के साथ लड़ाई सिर्फ सांकेतिक है क्योंकि कोविंद शुरूआत ही 65 फीसद वोट से करेंगे।

भाजपा की ओर से यह भरोसा भी जताया जा रहा है कि कोविंद 70 फीसद के उपर वोट पा सकते हैं। खुद कोविंद 25 जून से राज्यों का दौरा शुरू करेंगे और इस क्रम में पहला राज्य उनका गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश होगा। उनके साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद होंगे। बहरहाल, उससे पहले नामांकन के तुरंत बाद कोविंद ने एक संक्षिप्त बयान में विपक्षी दलों से भी अपील की । उन्होंने कहा कि वह किसी पार्टी से संबद्ध नहीं है। जिस दिन वह बिहार के राज्यपाल नियुक्त हुए थे उसी दिन से पार्टी से परे हो गए थे।

राष्ट्रपति पद की गरिमा होती है। वह इसे बनाए रखेंगे। उन्होंने प्राथमिकताएं भी गिना दी। सीमा सुरक्षा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति तीनों सेना का कमांडर होता है और हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सीमा सुरक्षित रहे। उन्होंने आगे जोड़ा कि देश 2022 में स्वतंत्रता का 75वां साल मनाने जा रहा है और ऐसे में यह हमारी प्राथमिकता होगी कि भारत युवाओं का अपेक्षा और आकांक्षा के अनुरूप लगातार विकास करे। 

हिंदी में भी पेश हुआ नामांकन का एक प्रस्ताव

रामनाथ कोविंद के पक्ष में अमित शाह का प्रस्ताव हिंदी में पेश किया गया। बदले में रिटर्निग , आफिसर(लोकसभा महासचिव) ने भी उस पर हिंदी में भी अपना नोट लिखा। यूं तो भाजपा ने कोविंद के प्रस्ताव के लिए चार सेट तैयार किया था, शुक्रवार को सिर्फ तीन पेश किया गया। बताते हैं कि एक अन्य सेट संभवत: नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून को पेश किया जाएगा। जो तीन सेट पेश किए गए उसमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अकालीदल नेता प्रकाश सिंह बादल का सेट था। अमित शाह का पूरा सेट हिंदी में था। 

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