भारत को दहलाने के लिए हर साल 360 आतंकियों को ट्रेनिंग देता है लश्कर

आतंकी बहादुर अली ने बताया कि पाकिस्तान के मनशेरा स्थित लश्कर के शिविर में 2013 में उसे 15 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया था।

By anand rajEdited By: Publish:Fri, 12 Aug 2016 07:52 PM (IST) Updated:Fri, 12 Aug 2016 08:28 PM (IST)
भारत को दहलाने के लिए हर साल 360 आतंकियों को ट्रेनिंग देता है लश्कर

नई दिल्ली। भारत और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखने के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा हर साल करीब 360 आतंकियों को प्रशिक्षित करता है।

लाहौर में रायविंद के जिया बग्गा गांव निवासी और लश्कर आतंकी बहादुर अली उर्फ सैफुल्ला (21) ने पूछताछ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को यह जानकारी दी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस कांस्टेबल के पुत्र अली को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा से 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

अली ने बताया कि पाकिस्तान के मनशेरा स्थित लश्कर के शिविर में 2013 में उसे 15 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया था। उसने तभी से साल भर चलने वाले इन शिविरों में हर महीने 30 से 50 लोगों को प्रशिक्षण लेते देखा है।

लश्कर के दो अन्य आतंकियों शाद और दरदा के साथ 11-12 जून को भारत भेजे जाने से पूर्व अली को 2013, 2014 और 2016 में लश्कर ने तीन स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।

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अली के मुताबिक, नए प्रशिक्षु को पहले 15 दिन का बुनियादी प्रशिक्षण "दौरा ए तुल्बा" दिया जाता है। इसके बाद हथियारों और गोला-बारूद का प्रशिक्षण "दौरा ए आम" दिया जाता है। अली ने यह प्रशिक्षण सितंबर-अक्टूबर, 2014 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मुजफ्फराबाद के नजदीक अक्सा शिविर में हासिल किया था।

अंतिम प्रशिक्षण "दौरा ए खास" में आतंकियों को अत्याधुनिक हथियार चलाना और लड़ाई का कौशल सिखाया जाता है। अली को यह प्रशिक्षण 2016 की गर्मियों में मुजफ्फराबाद में ही दिया गया था।

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एनआइए के एक अधिकारी ने बताया कि भारत में पाकिस्तान के भेजे आतंकी भले ही बहुत अधिक शिक्षित न हों, लेकिन अत्याधुनिक उपकरणों को चलाने में उन्हें महारत हासिल होती है। इसका मतलब यह है कि उन्हें पाकिस्तानी सेना के विशेषज्ञों से मदद मिल रही है।

उन्होंने बताया कि भारत में प्रवेश के बाद अली पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से जापान निर्मित आइकॉम वायरलेस सेट के जरिए बातचीत कर रहा था और गहन तकनीकी जानकारी के बिना यह कतई संभव नहीं है।

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