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बहादुर अली को लेकर भारत के आरोपों को पाकिस्तान ने किया खारिज

पाकिस्तान ने जिंदा पकड़े गए आतंकी बहादुर अली को लेकर भारत की तरफ से किए गए दावे को खारिज कर दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2016 09:15 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2016 09:47 PM (IST)

इस्लामाबाद, रायटर्स। जम्मू-कश्मीर से जिंदा पकड़े गए आतंकी बहादुर अली के इकरारनामे के बाद भारत भले ही पाकिस्तान को घेरने की योजना बना रहा हो लेकिन पाकिस्तान ने भारत के सभी दावों को सिरे से खारिज करते हुए कई आरोप लगाए हैं। गुरूवार को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का उदाहण देते हुए भारत के ऊपर ही आतंक फैलाने का दोष मढ़ दिया।

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता नफीस जकारिया से जब आतंकी बहादुर आली के बारे में पूछा गया तो उसने बताया, 'आपका सवाल एक कथित पाकिस्तानी से जुड़ा हुआ है, जिसके बारे में भारत कहता है कि वह पाकिस्तानी है और वह किसी तरह की गतिविधि में शामिल था। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर हमारा बयान काफी स्पष्ट था। हम पहले ही इस बारे में एक बयान जारी कर चुके हैं जिसमें हम लाइन ऑफ कंट्रोल से घुसपैठ के आरोपों का खंडन कर चुके हैं।'

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नफीसा ने आगे कहा कि 'इस बारे में हमारी एक स्पष्ट नीति है और वह यह है कि हम अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी गतिविधि के लिए नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान से अरेस्ट किए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के बयान से इस बात की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा, जैसा कि आपको पता होगा कि भारतीय खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान, खासकर बलूचिस्तान और कराची में आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए भारतीय कुलभूषण जाधव के बयान से पाकिस्तान के इन दावों की पुष्टि होती है।

पाक ने कश्मीर पर अब अरब लीग को लिखी चिट्ठी

पाकिस्तान ने अब कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप करने की अरब लीग से गुहार लगाई है।पाकिस्तान में विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने इस सिलसिले में अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल गेइत को पत्र लिखा है। इसमें घाटी में अशांति को कश्मीरियों का लगातार और लंबे समय तक अलग-थलग रखने के प्रति असंतोष बताया है।

उसमें यह राग भी अलापा गया है कि भारत कश्मीरियों के अपने बारे में निर्णय लेने के अधिकार से लगातार वंचित कर रहा है। पत्र में यह भी बताने की कोशिश की गई है कि कश्मीर में हो रही घटनाओं की आतंकवाद से तुलना नहीं की जा सकती। इसमें लीग के सदस्य देशों से हस्तक्षेप की मांग की गई है।


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