पहली बार सामाजिक बदलाव के लिए 'सेल्फी' का इस्तेमाल

'सेल्फी' के इस्तेमाल का अब एक नया रूप सामने आया है। एक सामाजिक संगठन बालिका शिक्षा को लेकर युवाओं में जागरुकता फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है। एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने लड़कियों को स्कूल भेजने का बीड़ा उठाया है और युवाओं से अपनी 'सेल्फी' भेजने का आग्रह किया है।

By Edited By: Publish:Mon, 22 Sep 2014 04:37 PM (IST) Updated:Mon, 22 Sep 2014 04:42 PM (IST)
पहली बार सामाजिक बदलाव के लिए 'सेल्फी' का इस्तेमाल

नई दिल्ली। 'सेल्फी' के इस्तेमाल का अब एक नया रूप सामने आया है। एक सामाजिक संगठन बालिका शिक्षा को लेकर युवाओं में जागरुकता फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है।

एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने लड़कियों को स्कूल भेजने का बीड़ा उठाया है और युवाओं से अपनी 'सेल्फी' भेजने का आग्रह किया है। इस संबंध में पांच सितंबर को 'सेल्फीजफॉरस्कूल' अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें हर युवा से अपनी फोटो खींचकर ट्विटर, फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर 'हैसटैगसेल्फीजफॉरस्कूल' के साथ पोस्ट करने की अपील की गई है।

मानवाधिकार संगठन द्वारा की गई इस पहल में हर सेल्फी के जरिये 10 बच्चियों को स्कूल भेजने का वादा किया गया है।

'ऐजुकेट ग‌र्ल्स' संगठन की उपाध्यक्ष सोनाली खान ने कहा कि हम खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलूर के युवाओं को लक्ष्य कर रहे हैं और इसके लिए मॉल्स व कॉलेजों में अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद 'सेल्फी' से जुड़ी इस पीढ़ी को यह बताना है कि वे 10 लड़कियों को स्कूल भेजने में अपना सक्रिय योगदान दे सकते हैं।

संगठन के अनुसार, दस दिनों में अब तक 25 हजार लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए 2500 'सेल्फी' प्राप्त हो चुके हैं। आयोजकों ने कहा कि वोडाफोन फाउंडेशन के जरिये यह अभियान 9 अक्टूबर (अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस) तक जारी रहेगा। वर्तमान में कार्यक्रम बेंगलूर में चल रहा है और दिल्ली में इसकी शुरुआत 24 सितंबर से होगी।

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