इंसानियत फिर शर्मसार, बस में महिला की मौत; ड्राइवर ने परिवार को जंगल में उतारा

ओडिसा के बाद मध्य प्रदेश के दमोह से इंसानियत को शर्मसार करने की तस्वीरें सामने आई हैं।

By kishor joshiEdited By: Publish:Sat, 27 Aug 2016 11:16 AM (IST) Updated:Sat, 27 Aug 2016 01:41 PM (IST)
इंसानियत फिर शर्मसार, बस में महिला की मौत; ड्राइवर ने परिवार को जंगल में उतारा

दमोह (एएनआई)। ओडिसा के कालाहांडी और बालासोर की घटना के बाद अब ऐसी ही अमानवीय तस्वीरे मध्यप्रदेश के दमोह से आई है। दमोह में बस में जा रही एक महिला की मौत हो गई तो बस वालों ने महिला के पति और उसके पांच दिन की बच्ची को बस से उतार दिया।

दमोह का ये वाकया ठीक उसी तरह का है जैसे उड़ीसा के कालाहाण्डी का था। वहां अस्पताल ने एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराई और यहाँ एक बस से इस लाश को एक 5 दिन की मासूम जान के साथ जंगल में छोड़ दिया गया। दरअसल छतरपुर जिले के बकस्वाहा ब्लाक के घोघरा गांंव से रामसिंह सिंह लोधी अपनी पत्नी मल्ली बाई को लेकर दमोह अस्पताल इलाज के लिए आ रहा था।

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पांच दिन पहले ही मल्ली ने एक बेटी जो जन्म दिया था और गुरुवार की दोपहर बाद उसकी तबियत बिगड़ी तो वो पांच दिन की मासूम के साथ मल्ली को लेकर दमोह के लिए निजी बस से निकला लेकिन मल्ली ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। लेकिन बस में उसके साथ ऐसा व्यवहार हुआ कि मानवता भी शर्मशार हो जाए। बस में सवार इस लाश को मासूम और उसके पिता के साथ बस स्टाफ ने दमोह जिले के चैनपुरा के नजदीक रास्ते में उतार दिया।

जिस जगह लाश को उतारा गया वो जंगली इलाका था।बहुत देर तक रोड पर पत्नी के शव के साथ राम सिंह खड़ा रहा तब जाकर एक बाइक सवार वकील वहां से गुजरे और उन्होंने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस वाले भी नाम पता पूछकर चले गए और कोई मदद नहीं की। पुलिस का जवाब है कि ये मामला उसके क्षेत्र का नहीं था। पुलिस के इस रवैए से हैरान वकीलों ने फिर प्राइवेट एंबुलेंस बुलाकर इस परिवार को उसके घर तक पहुंचाया।

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इस अमानवीय कृत्य को अंजाम देने वाला बस स्टाफ साफ़ कहता है की बस में बैठे दूसरे पैसेंजर की आपत्ति पर लाश को उतारा।

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