Nautapa 2024: अगले नौ दिनों तक आसमान से बरसेगी आग, प्रचंड गर्मी झेलने के लिए हो जाएं तैयार; इस बार बनाएगा नया रिकॉर्ड
शनिवार यानी 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा और नौ दिन यानी दो जून तक इसी में रहेगा। इस दौरान धरती पर सूर्य की गर्मी का ताप बढ़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा के शुरुआती पांच दिन तापमान आए दिन बढ़ने की संभावना रहती है। वैसे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है लेकिन नौतपा शुरुआती नौ दिनों को कहा जाता है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। इस बार मई की भीषण गर्मी और लू तो परेशानी का सबब बन ही रही है, नौतपा भी चौंकाएगा। इस मौसम के सबसे गर्म माने जाने वाले इन नौ दिनों में भी चिलचिलाती धूप और लू का दौर जारी रहने के आसार हैं। तापमान भी 45-46 डिग्री के आसपास बना रहेगा। मौसम विभाग अभी से अलग- अलग दिनों के लिए येलो, आरेंज और रेड अलर्ट जारी कर रहा है।
गौरतलब है कि शनिवार यानी 25 मई से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा और नौ दिन यानी दो जून तक इसी में रहेगा। इस दौरान धरती पर सूर्य की गर्मी का ताप बढ़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा के शुरुआती पांच दिन तापमान आए दिन बढ़ने की संभावना रहती है। कहा जाता है कि इस दिनों सूर्य सबसे अधिक बलवान रहता है, जिससे भीषण गर्मी पड़ती है। वैसे सूर्य रोहिंणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है, लेकिन नौतपा शुरुआती नौ दिनों को ही कहा जाता है।
नौतपा में सीधे धरती पर पड़ती है सूर्य की किरणें
ज्योतिष विज्ञान की मानें तो नौतपा का वर्षा से सीधा संबंध होता है। नौतपा के दौरान गर्मी जितनी भीषण होती है, बरसात भी उतनी ही अच्छी होती है। नौतपा में सूर्य की तेज किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे धरती का तापमान तेजी से बढ़ता है। अधिक गर्मी पड़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाता है, जिससे समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं। इसी के परिणामस्वरूप अच्छी बरसात की संभावना बनती है।
इस बार की स्थिति पिछले सालों की तुलना में अलग
मौसम विभाग का भी मानना है के इन नौ दिनों में धरती जितनी ज्यादा गर्म रहती है, वर्षा भी उतनी ही अच्छी होने की संभावना होती है। लेकिन इस बार की स्थिति पिछले सालों की तुलना में अलग है। मालूम हो कि 2023 में नौतपा के दौरान वर्षा भी देखने को मिल गई थी तो 2022 में इस दौरान लू ही नहीं चली थी। आमतौर पर मई में उत्तर पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी तथा दक्षिणी भारत में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री तक पहुंचता है। मध्य भारत में यह 46 से 47 डिग्री तक चला जाता है। तीन से चार बार लू का प्रकोप भी देखने को मिल जाता है।
भीषण गर्मी के साथ-साथ लू ने खराब कर दी हालत
मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखा रही है। कोई पश्चिमी विक्षोभ न आने, वर्षा न होने व आसमान साफ होने से झुलसा देने वाली धूप भी मानो कहर बरपा रही है। तापमान और सूखे दोनों ने हाल बेहाल कर रखा है। भीषण गर्मी के साथ-साथ लू ने भी खासी हालत खराब कर दी है।
स्काईमेट वेदर का पूर्वानुमान है कि अभी जून के पहले सप्ताह तक भीषण गर्मी वाली स्थिति ही बनी रहेगी। राहत मिलने की कोई भी संभावना कम ही है। दूर दूर तक न अभी कोई पश्चिमी विक्षोभ नजर आ रहा है, न ही कोई धूल भरी आंधी और गर्जन वाले बादल ही बनने के आसार हैं। एनसीआर के साथ साथ ही हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बंगाल तक में भी कमोबेश यही स्थिति रहेगी।
पश्चिमी विक्षोभों के अभाव में इस साल मैदानी क्षेत्रों में खासी गर्मी पड़ रही है। तापमान तो सामान्य से अधिक चल ही रहा है, लू वाली स्थिति भी बनी हुई है। अभी अगले 10- 12 दिन तक इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं लग रही। कहने का मतलब यह कि नौतपा में इस बार उसी स्तर की गर्मी पड़ने की संभावना है, जिसके लिए यह जाना जाता है। - महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन), स्काईमेट वेदर