Varnit UPSC 2019 Topper: तीसरी कोशिश लायी रंग, वर्णित ने हासिल की 13वीं रैंक

Varnit UPSC 2019 Topper पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित किमसार गांव निवासी वर्णित नेगी ने सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 06 Apr 2019 10:17 AM (IST) Updated:Sat, 06 Apr 2019 08:58 PM (IST)
Varnit UPSC 2019 Topper: तीसरी कोशिश लायी रंग, वर्णित ने हासिल की 13वीं रैंक
Varnit UPSC 2019 Topper: तीसरी कोशिश लायी रंग, वर्णित ने हासिल की 13वीं रैंक

ऋषिकेश, जेएनएन। Varnit UPSC 2019 Topper: समय तो लगता है, शिखर पे जाने में। पंछी को उड़ने में, जमीं पर पड़े पत्थर की मूर्ति बनाने में। पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित किमसार गांव निवासी वर्णित नेगी ने सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता तीसरे प्रयास में मिली। वह कहते हैं कि व्यक्ति यदि ईमानदारी से प्रयास करे तो सफलता मिल ही जाती है। 

वर्णित के पिता देवेंद्र सिंह नेगी बिलासपुर छत्तीसगढ़ में हाईस्कूल परसदा के प्रधानाचार्य हैं। मां डॉ. सीमा नेगी विलासपुर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वहीं बड़े भाई डॉ. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। वर्णित के एक चाचा एनएस नेगी ऊर्जा निगम सिडकुल हरिद्वार में सहायक अभियंता (मीटर) के पद पर तैनात हैं। दूसरे चाचा एसएस नेगी उत्तराखंड पुलिस हरिद्वार में रेडियो निरीक्षक हैं। 

यह भी पढ़ें : बड़े भाई के कदम से कदम मिलाकर आकाश पटेल भी बना आइएएस

ऋषिकेश निवासी चाचा एनएस नेगी ने बताया कि वर्णित के पिता ने रुड़की विश्वविद्यालय से भौतिक में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उनका स्वयं का सपना आइएएस बनने का था। पर वह नहीं बन पाए। अब बेटे ने उनका यह सपना पूरा कर दिखाया है। वर्णित ने वर्ष 2016 में आइएएस की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। मगर साक्षात्कार में रह गए। 

Check UPSC Civil Services result 2019 at Jagran.com

उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2017 में फिर से वह इस परीक्षा में शामिल हुए और 504वीं रैंक हासिल की। वर्णित को भारतीय रेलवे पुलिस में असिस्टेंट कमिश्नर की नियुक्ति मिली। इसके बाद भी वर्णित ने अपना प्रयास नहीं छोड़ा। वह फिर से आइएएस परीक्षा में शामिल हुए और अब की बार उन्होंने सफलता की ऐसी छलांग लगाई उन्हें 13वीं रैंक हासिल हुई। वर्णित की सफलता पर पूरा परिवार गदगद है। 

प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ से 

वर्णित ने प्राथमिक स्तर की पढ़ाई जशपुर छत्तीसगढ़ से की है। इसके बाद की पढ़ाई बिलासपुर व कोटा में रहकर पूरी की। बाद में एनआइटी सूरतकल, कर्नाटक से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका कैंपस सिलेक्शन हुआ और दो साल तक उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में कार्य भी किया। पर तमन्ना कुछ और ही थी। जॉब छोड़कर वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए। 

यह भी पढ़ें : हिसार के हिमांशु नागपाल ने हासिल किया 26वीं रैंक

मां विंध्यवासिनी से मांगा था आशीर्वाद

पिछली बार वर्णित नेगी को जब आइएएस परीक्षा में 504वीं रैंक हासिल हुई तो वह अपनी दादी ज्योति नेगी और चाचा के साथ यमकेश्वर के पौराणिक विंध्यवासिनी मंदिर दर्शन के लिए गए थे। चाचा एनएस नेगी ने बताया कि मंदिर में परिवार ने माता से वर्णित को आइएएस बनाने की कामना की थी। मंदिर से उतरने के बाद वर्णित ने अपनी दादी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। माता विंध्यवासिनी और दादी का आशीर्वाद आज फलित हो गया है। 

यह भी पढ़ें : शुगर मिल में रिकॉर्ड कीपर हैं आइएएस टॉपर अंकिता चौधरी के पिता

देश के लिए अच्छा काम करना चाहता हूं

वर्णित ने बताया कि पिता का सपना था कि वह सिविल सेवा में जाएं और उनका यह सपना पूरा हुआ है। उत्तराखंड के युवाओं के लिए उनका संदेश है कि किसी भी हालात और परिस्थिति में हमें अपनी कोशिश नहीं छोडऩी चाहिए। इस दिशा में हमें ईमानदार और स्मार्ट प्रयास करने चाहिए। वर्णित अब देश के लिए समर्पित भाव से काम करना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें: श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय शुरू करेगा छह नए कोर्स, पढ़िए पूरी खबर

यह भी पढ़ें: अगर नहीं कर पाए क्लैट के लिए आवेदन, तो इस खबर को जरूर पढ़ें

यह भी पढ़ें: 14 जुलाई को होगी एआइएपीजीईटी परीक्षा, इस दिन से कर सकते हैं आवेदन

chat bot
आपका साथी