प्रदेश के प्रवेश द्वार में लावारिस पशुओं की भरमार

प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू में लावारिस पशुओं की भरमार है। औद्योि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Mar 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Mar 2018 03:00 AM (IST)
प्रदेश के प्रवेश द्वार में लावारिस पशुओं की भरमार
प्रदेश के प्रवेश द्वार में लावारिस पशुओं की भरमार

मनमोहन संधु, परवाणू

प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू में लावारिस पशुओं की भरमार है। औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में गंदगी के बाद दूसरा बड़ा मुद्दा लावारिस पशुओं का है, लेकिन इस समस्या के हल के लिए कोई बेहतर प्रयास अब तक नहीं हुए हैं। हालांकि अब शिरडी साई बाबा भक्त संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश बेरी ने अब बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय बनाने के लिए आवाज बुलंद की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत करवाया है, साथ ही समस्या के समाधान के लिए सुझाव भी भेजे हैं। लावारिस पशुओं से हो रही परेशानी के समाधान के लिए उन्होंने न केवल सरकार को बल्कि जाबली पंचायत को भी पत्र लिख कर गोशाला के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की प्रार्थना की है।

बेरी ने माइक्रोटेक कंपनी के मालिक सुबोध गुप्ता को पत्र लिखकर स्वच्छता अभियान में उनके योगदान के लिए उनकी सराहना की व बेसहारा पशुओं की मदद के लिए भी उनसे आग्रह किया। बेरी ने कहा की यदि जाबली पंचायत सेब मंडी के नजदीक गोशाला के लिए जमीन देती है तो पशुओं के लिए चारे की समस्या भी कम होगी, क्योंकि मंडी में होने वाले कारोबार से जो फलों व सब्जियों का वेस्ट होगा वे पशुओं के काम आएगा व मंडी भी साफ सुथरी रहेगी। उन्होंने कहा की गोशाला बनने से परवाणू को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी, शहर के कूड़ादानों में लावारिस पशु मुंह मारते रहते हैं और कूड़ा सड़कों पर फैला देते हैं।

हालांकि परवाणू के सेक्टर एक में रैनबसेरा के पास गोशाला बनकर तैयार हो गई है, जिसका उद्घाटन बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर राजीव सैजल करेंगे, लेकिन इस गोशाला में केवल 15 से 20 पशु ही रखे जा सकते हैं।

------------

गोशाला के लिए ली पाच बीघा जमीन

परवाणू में गोशाला के निर्माण के लिए सरकार पैसा दे रही है व नगर परिषद परवाणू व टकसाल पंचायत ने मिलकर अंबोटा में पाच बीघा जमीन ले ली है। गोशाला के चेयरमैन पंचायत प्रधान अमरनाथ रहेंगे।

-ठाकुर दास शर्मा, नगर परिषद अध्यक्ष।

chat bot
आपका साथी