दस साल पहले नैक के लिए आवेदन ही नहीं

प्रदेश के नौ सरकारी कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण नैक के लिए आवेदन नहीं किया है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:56 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 07:56 PM (IST)
दस साल पहले नैक के लिए आवेदन ही नहीं
दस साल पहले नैक के लिए आवेदन ही नहीं

राज्य ब्यूरो शिमला

प्रदेश के नौ सरकारी कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की मान्यता से वंचित रह गए है। नौ कॉलेज के प्रिंसिपलों ने नैक की मान्यता के लिए दोबारा आवेदन ही नहीं किया है। नौ में से शिमला के आरकेएमवी की नैक मान्यता दस साल पहले समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा एक की सात साल पहले नैक की मान्यता समाप्त हो चुकी है। इन्हें दोबारा मान्यता के लिए आवेदन ही नहीं किया है। इन नौ कॉलेजों को पहली बार नैक की मान्यता मिल गई थी, लेकिन इसकी अवधि समाप्त हो चुकी है। कॉलेज प्रिंसिपलों की लापरवाही के कारण इन नौ कॉलेजों को रूसा दो के तहत जारी हुए दो करोड़ रुपये की ग्रांट से वंचित रहना पड़ा है। 55 साल से नैक के लिए आवेदन ही नहीं

प्रदेश में एक कॉलेज ऐसा भी जिसने 55 साल भी नैक के लिए आवेदन नहीं किया है। राजकीय महाविद्यालय नाहन का पहले अपना भवन नहीं था। वर्षो से कॉलेज अपने भवन में चल रहा है। अभी तक नैक के लिए एक बार भी आवेदन न करना कॉलेज के प्रिंसिपल की लापरवाही को साफ दर्शा रहा है। इस कारण कॉलेज का आधारभूत ढांचा भी विकसित होने से रह गया है और विद्यार्थियों को सुविधाओं से वंचित रखा गया है। क्यों जरूरी है नैक

राष्ट्रीय मुल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की मान्यता के बाद ही रूसा की ग्रांट मिलती है। इसके अलावा यूजीसी से भी विभिन्न प्रकार की ग्रांट कॉलेजों को जारी की जाती है। यह उन्हीं कॉलेजों को जारी की जाती है जिनके पास नैक की मान्यता होती है। नैक की मान्यता पांच साल के लिए होती है। इस बाद कॉलेज को दोबारा आवेदन करना पड़ता है।

इन कॉलजों ने नैक के लिए नहीं किया दोबारा आवेदन

कॉलेज,पहली बार मान्यता ली,कब से समाप्त

ढलियारा,2011,2 वर्ष

अर्की,2011,2 वर्ष

आरकेएमवी,2003,10 वर्ष

सुजानपुर टीहरा,2006,7 साल

ठियोग,2012,1 वर्ष

बिलासपुर,2012,1 वर्ष

सरकाघाट,2013,2 माह

जोगिंद्रनगर,2013,2 माह

बैजनाथ,2013,2 माह

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